Loksabha Election: मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव अपने खंडवा प्रवास के दौरान प्रबुद्धजनों से संवाद के बाद शहर के अति प्राचीन श्री दादाजी दरबार मंदिर पहुंचे. जहां सीएम मोहन यादव भक्ति भाव में लीन अंदाज दिखाई दिया. सीएम ने अपने हाथों से मंदिर में झाड़ू लगाकर सेवा की. दादाजी दरबार में सेवा करने का बड़ा महत्व माना जाता है. सीएम ने भी मंदिर परिसर में झाड़ू लगाकर सेवा देने का काम किया है. इस दौरान सीएम के साथ बीजेपी के स्थानीय जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता मौजूद रहे. सीएम ने धूनीवाले दादाजी की समाधि पर पुष्प अर्पित कर पूजा अर्चना कर दर्शन लाभ लिया. आपको बता दें कि श्री धुनीवाले दादाजी दरबार में सेवा करने का बड़ा महत्व माना जाता है.
पटेल समिति के मदन भाऊ ने सीएम को प्राचीन रसोई केंद्र भी दिखाया. मंदिर के बाहर परिसर में क्षेत्र के पार्षद आशीष चटकले के नेतृत्व में वार्डवासियों ने पुष्प वर्षा कर मुख्यमंत्री का स्वागत अभिनंदन किया. दादाजी धाम दर्शन करने के बाद मुख्यमंत्री मोहन यादव हवाई पट्टी के लिए रवाना हुए, जहां से हेलीकॉप्टर के माध्यम से वे प्रधानमंत्री मोदी की सभा शामिल होने के लिए धार रवाना हुए. इस दौरान सीएम के साथ बीजेपी के स्थानीय जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता मौजूद रहे.
आपको बता दे कि तीसरे चरण के मतदान के बीच सीएम डॉ मोहन ने लोगों से अपील की बढ़ चढ़कर मतदान करें, यह लोकतंत्र की मजबूती के लिए जरूरी है. दुनिया में भारत के लोकतंत्र की तारीफ है. भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है. खंडवा के निजी होटल में प्रबुद्धजन से बीजेपी उम्मीदवार ज्ञानेश्वर पाटिल के समर्थन में चर्चा की. सरकार के कामों को लेकर लोगों से की चर्चा और पीएम मोदी के काम भी बताए. यह चुनाव दो माओं के बेटों के बीच की है. एक भारत मां जिनके बेटे मोदी और दूसरा आप खुद समझ सकते है. कार्यक्रम में व्यापारियों सहित बीजेपी के आला नेता मौजूद रहे.
धुनीवाले दादा दरबार का महत्व
जहां आज के समय में हर बड़े मंदिर में वीआईपी दर्शन की सुविधा होती है, लेकिन खंडवा के श्रीधुनीवाले दरबार में हर आम-खास लाइन में लगकर ही मत्था टेकता है. धुनीवाले दादा दरबार ऐसा दरबार है, जहां किसी भक्त के लिए वीआईपी दर्शन की व्यवस्था नहीं है. यहां कितना भी बड़ी व्यक्ति हो, लाइन में लगकर ही दर्शन करना पड़ता है. साथी सेवा कार्य के समय मंदिर के गेट के बाहर से ही दर्शन करने होते हैं.
सांसद बोले- फिर एक बार मोदी सरकार
इससे पहले मंगलवार सुबह 9 बजे मुख्यमंत्री ने निजी होटल में प्रबुद्धजनों से मुलाकात की. अपने उद्बोधन में मोहन यादव ने कहा कि देश की दशा और दिशा बदलने के साथ भारत का सम्मान बढ़ाने के लिए इस बार फिर मोदी सरकार बनाने का आह्वान किया. इसके लिए खंडवा क्षेत्र के भाजपा प्रत्याशी ज्ञानेश्वर पाटिल को भारी मतों से जीताने की अपील की.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सैकड़ों वर्षों के संघर्ष के बाद अयोध्या में भगवान रामलला को विशाल मंदिर में विराजमान होते हुए हमने देखा है. कांग्रेस ने हर समय भगवान श्रीराम पर प्रश्न चिन्ह लगाए. रामसेतु को नष्ट करने का कार्य किया. अयोध्या में भगवान श्रीराम के निमंत्रण को ठुकराया. कश्मीर से धारा 370 हटाकर आतंकवाद को समाप्त किया. दुनिया के साथ भारत बदल रहा है. विश्व में भारत का मान-सम्मान मोदी जी ने बढ़ाया है. बदलता हुआ भारत अब आंख में आंख डालकर बात करता है.
खंडवा लोकसभा सीट मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से एक है. इस सीट पर मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच ही होता आया है. बीजेपी के नंदकुमार चौहान इस सीट से सबसे ज्यादा बार जीतने वाले सांसद हैं. यहां की जनता ने उनको पांच बार चुनकर संसद पहुंचाया है. 1996, 1998, 1999 और 2004 का चुनाव जीतकर उन्होंने इस सीट पर अपना दबदबा बनाए रखा. हालांकि 2009 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा, लेकिन इसके अगले चुनाव 2014 में उन्होंने इस सीट पर वापसी की और शानदार जीत दर्ज की.
राजनीतिक पृष्ठभूमि
खंडवा में लोकसभा का पहला चुनाव 1962 में हुआ था. कांग्रेस के महेश दत्ता ने पहले चुनाव में जीत हासिल की. कांग्रेस ने इसके अगले चुनाव 1967 और 1971
में भी जीत हासिल की. 1977 में भारतीय लोकदल ने इस सीट पर कांग्रेस को हरा दिया. कांग्रेस ने इस सीट पर वापसी 1980 में की. तब शिवकुमार सिंह ने इस सीट पर कांग्रेस की वापसी कराई थी. कांग्रेस ने इसका अगला चुनाव भी जीता.1989 में बीजेपी ने पहली बार इस सीट पर जीत हासिल की. हालांकि बीजेपी की खुशी ज्यादा दिन नहीं टिकी. और 1991 में उसे कांग्रेस के हाथों हार का सामना करना पड़ा.
1996 में बीजेपी की ओर से नंदकुमार चौहान मैदान में उतरे और उन्होंने खंडवा में बीजेपी की वापसी कराई. वे अगला 3 चुनाव जीतने में भी कामयाब रहे. 2009 में अरुण सुभाष चंद्रा ने यहां पर कांग्रेस की वापसी कराई. 2009 में हारने के बाद नंदकुमार ने एक बार फिर यहां पर वापसी की और अरुण सुभाष चंद्र को मात दी. बीजेपी को यहां पर 6 बार तो कांग्रेस को 7 बार जीत मिली है.
खंडवा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत विधानसभा की 8 सीटें आती हैं. बगाली, पंधाना, भीखनगांव, मंधाता, नेपानगर,बदवाह, खंडवा, बुरहानपुर यहां की विधानसभा सीटें हैं. यहां की 8 विधानसभा सीटों में से 3 पर बीजेपी, 4 पर कांग्रेस और 1 सीट पर निर्दलीय का कब्जा है.
सामाजिक ताना-बाना
प्राचीन मान्यताओं के अनुसार खंडवा शहर का प्राचीन नाम खांडववन(खांडव वन)था जो मुगलों और अंग्रेजो के आने से बोलचाल में धीरे धीरे खंडवा हो गया .खंडवा नर्मदा और ताप्ती नदी घाटी के मध्य बसा है. ओमकारेश्वर यहां का लोकप्रिय और पवित्र दर्शनीय स्थल है. इसे भारत के 12 ज्योतिर्लिगों में शुमार किया जाता है.
2011 की जनगणना के मुताबिक खंडवा की जनसंख्या 2728882 है. यहां की 76.26 फीसदी आबादी ग्रामीण क्षेत्र और 23.74 फीसदी आबादी शहरी क्षेत्र में रहती है. खंडवा में 10.85 फीसदी आबादी अनुसूचित जाति और 35.13 फीसदी आबादी अनुसूचित जनजाति की है. चुनाव आयोग के आंकड़े के मुताबिक 2014 के लोकसभा चुनाव में यहां पर 17,59,410 मतदाता थे. इनमें से 8,46, 663 महिला मतदाता और 9,12,747 पुरुष मतदाता थे. 2014 के चुनाव में इस सीट पर 71.46 फीसदी मतदान हुआ था.
2014 का जनादेश
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी नंदकुमार चौहान ने कांग्रेस अरुण यादव को हराया था. नंदकुमार को 717357(57.05 फीसदी) वोट मिले थे तो वहीं अरुण यादव को 457643(36.4 फीसदी) वोट मिले थे.दोनों के बीच हार जीत का अंतर 259714 वोटों का था. इस चुनाव में आम आदमी पार्टी 1.34 फीसदी वोटों के साथ तीसरे स्थान पर थी.
इससे पहले 2009 के चुनाव में कांग्रेस के अरुण यादव ने जीत हासिल की थी. उन्होंने बीजेपी के नंदकुमार चौहान को हराया था. इस चुनाव में अरुण यादव को 394241(48.53 फीसदी ) वोट मिले थे तो वहीं नंदकुमार चौहान को 345160(42.49 फीसदी) वोट मिले थे. दोनों के बीच हार जीत का अंतर 49081 वोटों का था.
सांसद का रिपोर्ट कार्ड
66 साल के नंदकुमार चौहान 2014 का चुनाव जीतकर पांचवीं बार सांसद बने. पेशे से किसान नंदकुमार ने बीए की पढ़ाई की है. संसद में उनके प्रदर्शन की बात करें तो 16वीं लोकसभा में उनकी उपस्थिति 54 फीसदी रही. वे 7 बहस में हिस्सा लिए. उन्होंने संसद में 6 सवाल किया.
नंदकुमार चौहान को उनके निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए 22.50 करोड़ रुपये आवंटित हुए थे. जो कि ब्याज की रकम मिलाकर 22.86 करोड़ हो गई थी. इसमें से उन्होंने 19.54 यानी मूल आवंटित फंड का 85.07 फीसदी खर्च किया. उनका करीब 3.32 करोड़ रुपये का फंड बिना खर्च किए रह गया.
मध्य प्रदेश की खंडवा लोकसभा सीट (Khandwa Lok Sabha Election Results 2019) पर 2014 में हुए चुनाव में BJP के नन्द कुमार सिंह चौहान ने जीत हासिल की थी. उन्हें 7,17,357 वोट मिले थे और 4,57,643 वोट पाकर दूसरे पायदान पर कांग्रेस के अरुण सुभाषचंद्र यादव रहे थे.
खंडवा लोकसभा सीट से 1952 और 1957 में कांग्रेस के बाबूलाल तिवारी, 1962 में कांग्रेस के महेश दत्ता मिश्रा, 1967 और 1971 में कांग्रेस के गंगाचरण दीक्षित ने दो बार जीत हासिल की, 1977 में भारतीय लोकदल के परमानंद ठाकुरदास गोविंदजीवाला, 1980 में कांग्रेस के ठाकुर शिवकुमार नवल सिंह, 1984 में कांग्रेस के कालीचरण रामरतन सकरगय, 1989 में BJP के अमृतलाल तारवाला, 1991 में कांग्रेस के ठाकुर महेन्द्र कुमार नवल सिंह, 1996, 1998, 1999 और 2004 में BJP के नन्द कुमार सिंह चौहान ने चार बार जीत हासिल की. 2009 में कांग्रेस के अरुण सुभाषचंद्र यादव ने जीत हासिल की थी.
खंडवा लोकसभा सीट के अंतर्गत आने वाली विधानसभा सीटें मान्धाता, बुरहानपुर, बड़वाह, बागली, पंधाना, नेपानगर, बीकनगांव और खंडवा हैं. बागली, पंधाना, नेपानगर, बीकनगांव सीटें अनुसूचित जनजाति और खंडवा अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.