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Loksabha Election: सीएम मोहन यादव ने सभा के मंच से कांग्रेस की किरकिरी की, वादों को झूठा कहा

Loksabha Election: चौथे चरण में 8 सीटों पर वोटिंग होगी. चौथे चरण के लिए BJP नेता ने अपनी-अपनी कमर कस लिया है. इसी को लेकर सीएम मोहन यादव रतलाम लोकसभा के थांदला विधानसभा में आयोजित रोड शो में शामिल हुए.

By: RNI Hindi Desk 
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Loksabha Election: सीएम मोहन यादव ने सभा के मंच से कांग्रेस की किरकिरी की, वादों को झूठा कहा

Loksabha Election: लोकसभा चुनाव के तीसरे चरण की समाप्ती के साथ चौथे चरण के मतदान का काउंटडाउन शुरू हो गया है. यह मध्य प्रदेश में आखिरी चरण का मतदान होगा. इसी के साथ सभी 29 लोकसभा सीटों पर वोटिंग संपन्न हो जाएगी. चौथे चरण में 8 सीटों पर वोटिंग होगी. चौथे चरण के लिए BJP नेता ने अपनी-अपनी कमर कस लिया है. इसी को लेकर सीएम मोहन यादव रतलाम लोकसभा के थांदला विधानसभा में आयोजित रोड शो में शामिल हुए. सीएम मोहन यादव अनिता चौहान के समर्थन में भाग लिया है. इस रोड के शो के दौरान जनता से अपिल किया.

सीएम मोहन यादव ने जनता को संबोधित करते हुए कांग्रेस पर जमकर साधा निशाना कहा यह लोग बोलते है कि हमारी सरकार आएगी तो गरीबी दूर करेगे बोलते है इनकी मां ने सरकार चलाया क्या गरीबी दूर हुआ…इनके पापा ने सरकार चलाया क्या गरीबी दूर हुआ..

साथ ही उन्होंने मोदी और पाकिस्तान के बारे में भी टिप्पणी करते हुए कहा कि मोदी ने पाकिस्तान को उसकी औकात दिखाई. पहले देश में कई बम धमाके होते थे. लेकिन जब से मोदी सरकार बनी है, तब से देश से आतंकवाद खत्म हो गया है. राम मंदिर को लेकर भी उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधा और कहा कि राम मंदिर बनने से कांग्रेस वालों का वोट बैंक छिन गया है. अब 2024 में मोदी सरकार बनते ही मथुरा का नंबर आने वाला है. हमें सबको मिलकर श्री कृष्ण को मुस्कुराते हुए देखना है.

मोहन यादव बोले कि मोदी है तो मुमकिन है. सेना ने पराक्रम किया और कांग्रेस ने सबूत मांगा. दस साल से देश मे एक भी आतंकवाद की घटना नहीं हुई. कोरोनाकाल में लोगों को कोविड से बचाव के मुफ्त टीके लगाए. सीएम ने कहा कि पहला वोट देश की सुरक्षा के लिए, दूसरा वोट कोविड से जान बचाने के लिए. भगवान का अपमान, हिंदू समाज के अपमान की कीमत विपक्षी दलों को चुकानी पड़ेगी। अभी भगवान राम मुस्कराए हैं.

मोहन यादव ने कहा कि सबसे पहले संविधान को बदलने का काम कांग्रेस ने किया. नेहरू, इंदिरा, राजीव गांधी सहित अन्य ने संविधान संशोधित किया. इंदिरा गांधी ने 29 बार संशोधन किया.

यादव ने कहा कि जबसे आजादी मिली, धारा 370 लगाकर नासूर बनाया. 40 हजार निर्दोष लोग मारे गए. मोदी ने 370 खत्म की. देश के अंदर आतंकवाद खत्म किया. मोहन यादव बोले अबकी बार का वोट मथुरा के नाम का नारा लगाया. अबकी बार कृष्ण मुस्कराएगे.

रोड शो में उमड़ा अपार जनसैलाब, होती रही फूलों की बारिश

इस दौरान रथ पर सवार मुख्यमंत्री का जमकर स्वागत, सत्कार हुआ. रास्ते भर लोगों ने उन पर फूलों की बारिश की तो वहीं मुख्यमंत्री ने भी सभी का अभिवादन स्वीकार किया. मुख्यमंत्री रास्तेभर लोगों से अभिवादन स्वीकारते हुए चल रहे थे.  इस दौरान मोदी-मोदी, अबकी बार-400 पार, अबकी बार-29 पार के नारे भी लग रहे थे. रोड शो के दौरान मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने जनसभाओं में उपस्थित लोगों को संबोधित किया एवं भारतीय जनता पार्टी के लिए वोट देने की अपील की.

13 मई को एमपी में इन सीटों पर होंगे चुनाव

मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए चौथे चरण का मतदान 13 मई को होना है. यहां आठ संसदीय क्षेत्रों में मतदान होगा. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने बताया कि चौथे चरण की आठ संसदीय क्षेत्रों में नाम वापसी के बाद 74 प्रत्याशी अंतिम रूप से चुनाव मैदान में हैं. इनमें देवास में 8, उज्जैन में 9, मंदसौर में 8, रतलाम में 12, धार में 7, इंदौर में 14, खरगोन में 5 और खंडवा में 11 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. लोकसभा चुनाव के नतीजों की घोषणा 4 जून को होगी.

त्रिकोणीय होगा मुकाबला

रतलाम-झाबुआ संसदीय सीट प्रदेश की सबसे हॉट आदिवासी सीटों में से एक है. लेकिन इस बार यहां मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है. दरअसल, भारत आदिवासी पार्टी ने रतलाम झाबुआ लोकसभा सीट पर अपना उम्मीदवार मैदान में उतार दिया है. इस सीट से पेटलावद विधानसभा चुनाव में जयस समर्थित भारत आदिवासी पार्टी से उम्मीदवार रहे इंजीनियर बालुसिंह गामड़ को टिकट दिया है. रतलाम जिले की सैलाना विधानसभा सीट भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) के खाते में है. ऐसे में इस क्षेत्र में वर्चस्व रखने वाले जयस और बीएपी के प्रत्याशी में त्रिकोणीय मुकाबला होगा. राजनीतिक विश्लेषक मान रहे हैं, बीएपी के चुनाव लड़ने से खासकर भाजपा को नुकसान होने की ज्यादा संभावना दिख रही है.

रतलाम लोकसभा सीट इतिहास

रतलाम लोकसभा सीट को 2008 में हुए परिसीमन के बाद लोगों ने जाना, इससे पहले इस सीट को झाबुआ नाम से जाना जाता था.  इस लोकसभा सीट में पूरा अलीराजपुर और झाबुआ जिला आता है. इन दो जिलों के अलावा इस सीट में रतलाम जिले का कुछ हिस्सा भी शामिल है. मध्य प्रदेश में झाबुआ जिला आदिवासियों के लिए जाना जाता है, यहां के तीज-त्यौहार भी आदिवासियों के रीति-रिवाजों के आधार पर मनाए जाते हैं. यहां पर हस्त शिल्प के कई छोटे-छोटे उद्योग भी हैं जो कि आदिवासियों के कल्चर को दर्शाते हैं.

रतलाम लोकसभा सीट को आदिवासी समुदाय के उम्मीदवारों के लिए रिजर्व किया गया है।  इस लोकसभा सीट में भी 8 विधानसभाओं को शामिल किया गया है। जिसमें अलीराजपुर जिले की अलीराजपुर और जोबट, झाबुआ जिले की झाबुआ, ठंडला, पेटलावाद, रतलाम जिले की रतलाम रूरल, रतलाम सिटी और सैलाना विधानसभा शामिल हैं।  इन विधानसभाओं में तीन पर कांग्रेस काबिज है, 4 पर बीजेपी और एक विधानसभा सीट पर भारत आदिवासी पार्टी ने जीत हासिल की है.

कांग्रेस का दबदबा

यह लोकसभा सीट लंबे वक्त तक कांग्रेस का अभेद्य किला रहा है. यहां से कांतिलाल भूरिया चुनाव लड़ा करते थे. कांतिलाल भूरिया यहां पर 1998 से लेकर 2009 तक लोकसभा चुनाव जीते हैं. उनकी जीत के इस रथ को 2014 में दिलीप सिंह भूरिया ने रोक दिया था.  जिसके बाद यहां हुए उपचुनाव में कांतिलाल भूरिया ने फिर से जीत हासिल की थी.  इसके बाद 2019 में गुमान सिंह डामोर ने उन्हें शिकस्त दी थी.

करीब 1 लाख वोटों से हारे भूरिया

अगर 2019 के लोकसभा चुनाव की बात की जाए तो इस सीट पर कुल 18,51,112 वोटर्स हैं.  यहां पर हुए चुनाव में कांग्रेस ने दिग्गज नेता कांतिलाल भूरिया को एक बार फिर से मौका दिया.  वहीं बीजेपी ने गुमान सिंह डामोर को मैदान में उतारा था. इस चुनाव में बीजेपी के गुमान सिंह ने करीब 7 लाख वोट हासिल किए थे, जबकि कांतिलाल भूरिया को करीब 6 लाख वोटों से ही संतोष करना पड़ा था.

पिछले चुनाव में डामोर थे प्रत्याशी

पिछले लोकसभा चुनाव 2019 बीजेपी ने यहां से गुमान सिंह डामोर को टिकट दिया था. जबकि कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया पर को प्रत्याशी बनाया था. गुमान सिंह डामोर को 696,103 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया को 6,05,467 वोट मिले थे. बीजेपी के डामोर ने भूरिया को 90,636 वोटों के भारी अंतर से हराया था.

अब क्यों कटा टिकट?

रतलाम सीट से वर्तमान सांसद गुमान सिंह डामोर का टिकट कटने का बड़ा कारण पार्टी का सीट पर कराया गया आंतरिक सर्वे बताया जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक सर्वे में गुमान सिंह डामोर रतलाम ग्रामीण सीट के अलावा कहीं पर भी लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार के तौर पर पहली पसंद नहीं बन पाए थे, वहीं अनिता नागर चौहान पांच विधानसभा सीटों पर पहली पसंद बनकर सामने आई थीं. जिसके बाद भाजपा ने सांसद डामोर का टिकट काट कर अनिता को प्रत्याशी बनाया.

कौन हैं अनीता चौहान ?

रतलाम सीट से भाजपा की लोकसभा उम्मीदवार बनाई गईं अनिता नागर सिंह चौहान मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री नागर सिंह चौहान की पत्नी हैं जो कि दो बार से अलीराजपुर जिला पंचायत की अध्यक्ष हैं. यहां ये भी बता दें कि इस बार हुए जिला पंचायत चुनाव में अनिता नागर को 13 में से 12 वोट मिले थे. मंत्री नागर सिंह चौहान इस क्षेत्र में पकड़ रखते हैं.

सीट का इतिहास

17 लोकसभा चुनाव और एक उपचुनाव में चार बार ही रतलाम झाबुआ सीट से गैर कांग्रेसी उम्मीदवार जीते है. जनसंघ और भाजपा के लिए यह सीट हमेशा चुनौतीपूर्ण रही है. दिलीप सिंह भूरिया सबसे ज्यादा सात बार कांग्रेस के सांसद रहे. फिर वर्ष 2014 में दिलीप सिंह भूरिया भाजपा में आए और चुनाव जीते, लेकिन उनके निधन के कारण उपचुनाव हुआ और कांग्रेस ने उपचुनाव में जीत दर्ज कराई. 2019 में भाजपा के डामोर ने इस सीट से जीत हासिल की.

इस सीट पर अभी तक तीन बार महिला उम्मीदवार को राजनीतिक दलों ने टिकट दिया है. कांग्रेस ने 1962 में पहली बार महिला प्रत्याशी को मैदान में उतारा था. तब जमुनादेवी चुनाव जीती थी. तब यह सीट चर्चा में आई थी. इस सीट पर 1962 में टिकट बदलते हुए अमर सिंह के स्थान पर जमुना देवी को उम्मीदवार बनाया था. 2004 में दिलीप सिंह भूरिया के बजाए रेलम सिंह चौहान को टिकट दिया, लेकिन वे चुनाव नहीं जीत पाई. अब भाजपा ने फिर महिला को टिकट दिया है.

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