मध्य प्रदेश में जिलों के परिसीमन पर सियासी घमासान तेज हो गया है। राज्य सरकार के जिलों के सीमांकन के फैसले पर कांग्रेस ने सवाल उठाए हैं, जबकि BJP ने कांग्रेस पर तीखा हमला बोला है।
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर परिसीमन में राजनीतिक दुर्भावना दिखाई गई, तो यह न्यायपूर्ण नहीं होगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि क्षेत्रफल की भूमिका अलग-अलग होती है। जिलों का परिसीमन आबादी और भौगोलिक स्थिति के आधार पर होना चाहिए, न कि किसी राजनीतिक कूटनीति के तहत।
BJP का पलटवार: कांग्रेस की मानसिकता पर हमला
BJP ने कांग्रेस के आरोपों का जवाब देते हुए पार्टी पर तीखा हमला किया। भाजपा प्रवक्ता मिलन भार्गव ने कहा कि कांग्रेस हमेशा विरोध की राजनीति करती है। उन्होंने कांग्रेस की आलोचना करते हुए कहा, “राक्षसी प्रवृत्ति वाली कांग्रेस को विकास पसंद नहीं है। वे सुबह से शाम तक विरोध में ही लगी रहती हैं।”
परिसीमन के लिए आयोग का गठन
मध्य प्रदेश सरकार ने जिलों की सीमाओं को फिर से निर्धारित करने के लिए परिसीमन आयोग का गठन किया है। एसीएस रैंक के रिटायर्ट अफसर मनोज श्रीवास्तव को आयोग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह आयोग जिलों और संभागों की भौगोलिक स्थिति का अध्ययन करेगा और जनता से सुझाव भी आमंत्रित किए जाएंगे।
परिसीमन से जनता की समस्याएं होंगी दूर
सरकार का मानना है कि जिलों के नए सीमांकन से जनता को होने वाली भौगोलिक समस्याएं दूर होंगी, और प्रशासनिक कार्यों में तेजी आएगी। इससे जनता को निकटवर्ती जिलों में जोड़कर प्रशासनिक कार्यों को सरल बनाया जा सकेगा।