गांधी भवन में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के विवादास्पद आतिथ्य के मामले में प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने इंदौर के शहर और जिला कांग्रेस अध्यक्षों को सात दिन के लिए निलंबित कर दिया है। हालाँकि निलंबन की अवधि शनिवार को समाप्त हो गई, लेकिन नोटिस हाल ही में लोगों के ध्यान में आया है।
जब मंत्री कैलाश विजयवर्गीय गांधी भवन पहुंचे तो कांग्रेस पदाधिकारियों ने उनका गुलदस्ता देकर स्वागत किया और गुलाब जामुन खिलाए। इस इशारे से विपक्ष के नेता उमंग सिंगार सहित कई कांग्रेस नेताओं में गुस्सा फैल गया, जिन्होंने भोपाल में एक बैठक के दौरान अपनी नाराजगी व्यक्त की। घटना की प्रतिक्रिया में प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने अनुशासनहीनता का हवाला देते हुए गुपचुप तरीके से जिला और शहर अध्यक्षों को सात दिनों के लिए निलंबित कर दिया। नोटिस में कहा गया था कि जिस व्यक्ति ने इंदौर के वोटरों से मदाधिकार छिनने का कृत्य किया। उसकी निंदा इंदौरवासियों ने की। उसका स्वागत करना अनुशासनहीनता की श्रेणी मेें आता है। अत: जिला अध्यक्ष व शहर अध्यक्ष को सात दिन केे लिए निलंबित कर दिया जाता है।
हाल ही में, सुरजीत चड्ढा ने किसी भी नोटिस मिलने से इनकार किया, हालांकि निलंबन नोटिस सोशल मीडिया पर व्यापक रूप से प्रसारित किया गया है, जिससे चर्चा और अटकलें तेज हो गई हैं। इस घटना ने इंदौर में राजनीतिक माहौल को गर्म कर दिया है, जिससे कांग्रेस पार्टी के भीतर चिंता और घबराहट पैदा हो गई है। इस घटनाक्रम को लेकर पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं के बीच चर्चाएं तेज हो गई हैं।
निलंबित नेताओं ने दावा किया कि उन्होंने प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी को मौखिक स्पष्टीकरण दिया है, लेकिन अभी तक निलंबन नोटिस का जवाब नहीं मिला है। नोटिस में इस बात पर जोर दिया गया कि इंदौर में मतदाताओं के अधिकारों के खिलाफ काम करने वाले विजयवर्गीय का स्वागत करना अनुशासनात्मक उल्लंघन है।