चमोली जिले के माणा में हुए भारी हिमस्खलन हादसे की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश जारी किए गए हैं। इस हादसे में बीआरओ (BRO) के 54 श्रमिक फंस गए थे, जिनमें से 46 को सुरक्षित बचा लिया गया, जबकि 8 श्रमिकों की मौत हो गई थी। जिलाधिकारी संदीप तिवारी ने इस मामले की जांच के लिए जोशीमठ के एसडीएम को जांच अधिकारी नियुक्त किया है।
रेस्क्यू ऑपरेशन: सेना, आईटीबीपी और एनडीआरएफ ने चलाया अभियान
माणा में बीते शुक्रवार (28 फरवरी) को भारी हिमस्खलन हुआ था, जिसमें बीआरओ के श्रमिकों के फंसने की सूचना मिली थी। आईटीबीपी (ITBP) और सेना ने तुरंत रेस्क्यू अभियान शुरू किया। पहले दिन 33 श्रमिकों को बचाया गया, जबकि दूसरे दिन एनडीआरएफ (NDRF) की टीम भी राहत कार्य में शामिल हुई।
रेस्क्यू टीमों ने मिलकर 46 मजदूरों को सुरक्षित निकाला, लेकिन 4 शव पहले ही बरामद हो चुके थे। रविवार को चले सर्च ऑपरेशन में बाकी 4 लापता मजदूरों के शव भी बरामद हुए, जिससे मृतकों की संख्या 8 तक पहुंच गई। अंतिम शव मिलने के बाद रेस्क्यू अभियान समाप्त कर दिया गया।
मजिस्ट्रेट जांच के आदेश, होगी विस्तृत रिपोर्ट
इस दुर्घटना के कारणों की जांच के लिए जोशीमठ के एसडीएम को नियुक्त किया गया है। रिपोर्ट में हिमस्खलन के कारणों, बचाव कार्य की समीक्षा और आगे ऐसी घटनाओं से बचाव के उपायों को शामिल किया जाएगा।
हिमालयी क्षेत्रों में लगातार बढ़ रहा हिमस्खलन का खतरा
चमोली, जोशीमठ और आसपास के क्षेत्रों में हाल के वर्षों में हिमस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं। मौसम विभाग और विशेषज्ञों के अनुसार, जलवायु परिवर्तन और बढ़ते निर्माण कार्य भी हिमालयी क्षेत्रों में प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ते खतरे का संकेत देते हैं।
सरकार और प्रशासन की अपील
उत्तराखंड सरकार और स्थानीय प्रशासन ने हिमालयी क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूरों और स्थानीय निवासियों को सतर्क रहने की अपील की है। साथ ही, भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने की योजना बनाई जा रही है।