मध्य प्रदेश में बुधनी विधानसभा उपचुनाव की तैयारियां तेज होने के साथ ही यह खासा ध्यान खींच रहा है। पूर्व विधायक शिवराज सिंह चौहान, जो हाल ही में सांसद चुने गए और केंद्र में मंत्री बनाए गए, ने सीट खाली कर दी है। इधर चुनाव की घोषणा से पूर्व ही भाजपा और कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी है।। यहां भाजपा और कांग्रेस की राजनीतिक गतिशीलता और रणनीतियों पर करीब से नजर डाली गई है क्योंकि वे इस निर्णायक मुकाबले के लिए तैयार हैं।
बुधनी में उपचुनाव की तैयारी
बीजेपी की शुरुआती चाल, करण सिंह वर्मा को विधानसभा क्षेत्र का प्रभारी नियुक्त कर बीजेपी तेजी से एक्शन में आ गई है। जीतू पटवारी भी सक्रिय रूप से लगे हुए हैं और समर्थन मजबूत करने के लिए बैठकें कर रहे हैं।
प्रमुख उम्मीदवार, भाजपा टिकट के प्रमुख दावेदारों में शिवराज सिंह चौहान के बेटे कार्तिकेय सिंह चौहान, पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव और किसान मोर्चा के पूर्व राज्य महासचिव रविस चौहान शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, पूर्व विधायक राजेंद्र सिंह, जिन्होंने पहले 2005 में चौहान के लिए सीट खाली की थी, भी दौड़ में हैं।
चुनाव की समयरेखा और तैयारी
चुनाव आयोग ने अभी तक उपचुनाव की तारीख की घोषणा नहीं की है, लेकिन जुलाई के अंत तक इसका खुलासा होने की उम्मीद है।
कांग्रेस की रणनीति: कांग्रेस पार्टी ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है। पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने हाल ही में प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में स्थानीय नेताओं के साथ बैठक बुलाई थी। पूर्व मंत्री राजकुमार पटेल, उपचुनाव प्रभारी जयवर्धन सिंह और पूर्व विधायक शैलेन्द्र पटेल ने बुधनी सीट के संभावित उम्मीदवारों पर चर्चा की।
बुधनी विधानसभा सीट का इतिहास
भाजपा का गढ़, बुधनी विधानसभा सीट पर दो दशकों से अधिक समय से भाजपा का दबदबा रहा है, हाल के विधानसभा चुनावों सहित लगातार शिवराज सिंह चौहान ने जीत हासिल की है।
बुधनी विधानसभा उपचुनाव एक महत्वपूर्ण राजनीतिक घटना बनने की ओर अग्रसर है, जिसमें भाजपा और कांग्रेस दोनों ही जीत हासिल करने के लिए सावधानीपूर्वक रणनीति बना रहे हैं।