नई दिल्ली: मोदी सरकार ने मोबाइल फोन उत्पादन में उपयोग किए जाने वाले आवश्यक घटकों पर आयात शुल्क में महत्वपूर्ण कटौती की घोषणा की है। वित्त मंत्रालय ने मंगलवार की अधिसूचना के माध्यम से आयात शुल्क दरों को 15% से घटाकर 10% करने के निर्णय का खुलासा किया।
मोबाइल, टैबलेट, स्मार्ट वॉच मेकिंग होगी सस्ती
केंद्र सरकार की ओर से लिए गए बड़े कदम के तहत मोबाइल फोन को बनाने में जिन चीजों का इस्तेमाल किया जाता है उन पर आयात या इंपोर्ट ड्यूटी को घटाने का निर्णय लिया गया है। ऐसे में इसका सीधा असर मोबाइल की कीमत पर पड़ेगा। यानी जल्द ही बाजार में मोबाइलों की कीमतों में कमी देखने को मिल सकती है। वहीं पुराने मोबाइल भी भारी छूट के साथ मिल सकते हैं। इसके साथ ही स्मार्ट वॉच, लैपटॉप, टैबलेट और मैकबुक जैसी प्रोडक्ट भी सस्ते होंगे। 10% की संशोधित दर मोबाइल फोन असेंबली में उपयोग किए जाने वाले महत्वपूर्ण घटकों पर लागू होगी, जिसमें बैटरी कवर, मुख्य लेंस, बैक कवर और प्लास्टिक और धातु से बने अन्य यांत्रिक घटक शामिल हैं।
इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के अध्यक्ष पंकज मोहिन्द्रू ने इसे भारत में मोबाइल विनिर्माण की प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा एक महत्वपूर्ण नीतिगत हस्तक्षेप बताया। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति पर प्रकाश डाला, इस बात पर जोर दिया कि उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन योजना जैसी पहलों की बदौलत अब मोबाइल इलेक्ट्रॉनिक्स निर्यात का 52% से अधिक हिस्सा है।
यह निर्णय उस महीने की पिछली रिपोर्टों के अनुरूप है, जो विशेष रूप से हाई-एंड मोबाइल फोन के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण घटकों पर आयात शुल्क कम करने पर भारत के विचार का सुझाव देती है। मोबाइल फोन उद्योग पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है, आयात शुल्क में कटौती से विकास को बढ़ावा मिलेगा और वैश्विक बाजार में प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। यह कदम भारत को मोबाइल विनिर्माण परिदृश्य में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित करने की सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
तीन गुना तक बढ़ जाएगा मोबाइल फोन निर्यात
केंद्र सरकार के इस फैसले से वैश्विक मार्केट में कॉम्पिटशन बढ़ेगी। ऐसे में ज्यादा से ज्यादा बड़ी कंपनियां कम इंपोर्ट ड्यूटी के चलते चाहेंगी कि उनका माल भारत में पहुंचे, इसका सीधा असर कंज्यूमर को होगा जो बड़े या महंगे फोन लेने का मन बना रहे हैं।