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बीजेपी सांसद रवि किशन आंदोलन खत्म करने को लेकर दिया बड़ा बयान, पढ़े

By: RNI Hindi Desk 
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बीजेपी सांसद रवि किशन आंदोलन खत्म करने को लेकर दिया बड़ा बयान, पढ़े

देशभर में नए कृषि कानूनों को लेकर आज 37वा दिन है। केंद्र सरकार और किसानों के बीच अब तक कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन अब तक बात नहीं बन सकी है।

किसानों की मांग है कि नए कानूनों को सरकार वापस ले। वहीं सरकार इन कानूनों के फायदे बताने में जुटी हुई है। इसी बीच बीजेपी के सांसद और एक्टर रवि किशन ने गुरुवार को कहा कि केंद्र सरकार कानूनों को वापस नहीं लेगी।

उन्होंने कहा कि सरकार किसानों से बात करने के लिए तैयार है। ये कानून किसानों के लाभ के लिए हैं। पीएम मोदी ने हमेशा देश की जनता के लिए काम किया है। यूपी के गोरखपुर से सांसद रवि किशन इन दिनों अपने गृह जनपद जौनपुर में हैं।

शुक्रवार को उनके पिता की पहली पुण्यतिथि है। उन्होंने कहा कि सरकार नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगी। सरकार किसानों से बात करने को तैयार है। किसानों को अपना आंदोलन खत्म कर देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि नए कानून किसानों के हित में हैं और विपक्षी पार्टियां आंदोलन के नाम पर राजनीति कर रहे हैं। रवि किशन ने लव जिहाद कानून पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने दो टूक कहा कि नाम बदलकर किसी की भावनाओं से खेलना ठीक नहीं। अगर आप सलमान हैं तो सलमान बनकर ही किसी लड़की से प्यार करिए, सचिन बनकर नहीं। ऐसे लोगों को यूपी की योगी सरकार माफ नहीं करेगी।

आप को बता दे कि बुधवार को सरकार और किसान संघों के बीच छठे दौर की वार्ता लगभग पांच घंटे चली, जिसमें बिजली दरों में वृद्धि और पराली जलाने पर दंड को लेकर किसानों की चिंताओं को हल करने के लिए कुछ सहमति बनी।

गौरतलब है कि मुख्य रूप से पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी की सीमाओं पर एक महीने से ज्यादा समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांग है कि तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द किया जाए।

वही आप को बता दे कि वरिष्ठ किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि संयुक्त किसान मोर्चा ने आगे की कदम के बारे में चर्चा के लिए शुक्रवार को एक और बैठक बुलाई है। हालांकि, एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी और कृषि कानूनों को निरस्त करने वाले दो मुद्दों से पीछे हटने का कोई सवाल ही नहीं है।

चढूनी ने कहा, “सरकार ने पराली जलाने से संबंधित अध्यादेश में किसानों के खिलाफ दंडात्मक प्रावधानों को हटाने और बिजली कानून में प्रस्तावित संशोधन को रोकने की हमारी मांगों का निपटान कर दिया है।”

उन्होंने आगे कहा, “लेकिन हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हमारी दो शेष मांगों का कोई विकल्प नहीं है, जिसमें तीन कृषि कानूनों को निरस्त करना और एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी शामिल है।”

प्रदर्शन कर रहे किसान संघों में शामिल ऑल इंडिया किसान संघर्ष को- ओर्डिनेशन कमेटी ने गुरुवार को एक बयान जारी कर कहा कि केंद्र सरकार ने किसान नेताओं से कानूनों को निरस्त करने का विकल्प सुझाने की अपील की है जो असंभव है।

बयान में कहा गया है, “नए कानून कृषि बाजारों, किसानों की जमीन और खाद्य श्रृंखला को कॉरपोरेट के हवाले कर देंगे। जब तक ये कानून रद्द नहीं कर दिए जाते हैं, तब तक मंडियों में किसान समर्थक बदलाव करने और किसानों की आय को दोगुना करने पर चर्चा करने की कोई गुंजाइश नहीं है।”

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