इंदौर लोकसभा सीट से कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी अक्षय बम द्वारा आज अपना नामांकन फॉर्म वापस लिए जाने के बाद प्रदेश का सियासी पारा चढ़ गया है, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के गृह शहर में ही ऐसे हालात बनने के बाद जहाँ कांग्रेस आलाकमान उनसे सवाल जवाब कर रहा है वहीं भाजपा भी उनपर तंज कस रही है,प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने जीतू पटवारी पर बड़ा हमला किया है वहीँ उधर मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री विश्वास सारंग ने तो जीतू पटवारी से इस्तीफा वापस मांग लिया है।
मध्य प्रदेश की सियासत में आज उस समय अचानक भूचाल आ गया जब इंदौर लोकसभा सीट से प्रत्याशी अक्षय बम भाजपा विधायक रमेश मेंदोला के साथ कलेक्ट्रेट में नजर आये और उन्होंने रिटर्निंग ऑफिसर के सामने पहुंचकर अपना नामांकन फॉर्म वापस ले लिया, फॉर्म वापसी के साथ ही मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने अक्षय बम और रमेश मेंदोला के साथ अपनी एक तस्वीर साझा की और लिखा – अक्षय बम का भाजपा परिवार में स्वागत है।
कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने भी अक्षय बम के बहाने जीतू पटवारी और कांग्रेस पर निशाना साधा, उन्होंने कहा कि कांग्रेस प्रत्याशी के नामांकन फॉर्म वापस लेने पर कांग्रेस जो बवाल मचा रही है उसे पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए, उन्होंने कहा कि उनके प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी इसी इंदौर शहर से आते हैं जिस सीट के प्रत्याशी ने फॉर्म वापस लिया, जीतू पटवारी को तो अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए।
देश भर में कांग्रेस का बेड़ा बेडा गर्क हो रहा है मप्र में भी जीतू पटवारी के नेतृत्व में कांग्रेस खोखली हो गई है रोज कोई ना कोई नेता पार्टी छोड़ रहा हैं , ये पीएम मोदी की विकास और जन कल्याण, देश भक्ति की सरकार चलाने की नीति है उसका परिणाम है उन्होंने कहा कि ऐसे देश भक्त , ऐसे राम भक्त जो देश के लिए कुछ करना चाहते हैं वे कांग्रेस में नहीं रहेंगे वो मोदी जी के साथ आएंगे और देश में एक बार फिर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार बनेगी।
इस नए घटनाक्रम के बाद जहाँ भाजपा नेताओं ने अक्षय बम के बहाने कांग्रेस को घेरना शुरू का रडिय वहीं ये दावे भी शुरू कर दिए कि अब कांग्रेस में कोई रहना नहीं चाहता, उनके प्रत्याशी तक उनका साथ छोड़ रहे हैं, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कहा कि कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के घर में ही कांग्रेस के ये हालात है कि उनके प्रत्याशी ही मोदी जी में विश्वास जता कर अपनी पार्टी छोड़ रहे हैं तो ये निश्चित है कि मप्र में भाजपा सभी 29 सीट जीतेगी और देश में हमारा 400 पार का नारा हकीकत बनेगा।
इंदौर में कुल कितने मतदाता?
इंदौर लोकसभा क्षेत्र की साक्षरता दर 70.47% है. इंदौर संसदीय सीट पर एससी मतदाताओं की संख्या लगभग 3,93,922 है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 17% है. इंदौर संसद सीट पर एसटी मतदाता लगभग 1,11,225 हैं, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 4.8% हैं. इंदौर संसदीय सीट पर ग्रामीण मतदाताओं की संख्या लगभग 4,86,610 है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 21% है. इंदौर संसदीय सीट पर शहरी मतदाताओं की संख्या लगभग 1,830,581 है, जो 2011 की जनगणना के अनुसार लगभग 79% है. 2019 के संसदीय चुनाव के अनुसार इंदौर संसदीय सीट में कुल मतदाता 23,17,191 हैं.
इंदौर में 8 विधानसभा क्षेत्र शामिल
2019 के संसदीय चुनाव के अनुसार इंदौर संसदीय सीट के मतदान केंद्रों की संख्या 2,575 है. वहीं 2019 के संसदीय चुनाव में इंदौर संसदीय सीट पर मतदान का प्रतिशत 69.2% रहा. 2018 विधानसभा चुनाव में इंदौर संसदीय सीट पर 71.2% मतदान हुआ था. इंदौर लोकसभा क्षेत्र में 8 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. इनमें 203 देपालपुर, 204 इंदौर-1, 205 इंदौर-2, 206 इंदौर-3, 207 इंदौर-4, 208 इंदौर-5, 210 राऊ,और 211 सांवेर (अ.जा.) सीट शामिल हैं.
क्या है इंदौर का जातिगत समीकरण?
वहीं जातिगत समीकरण पर नजर डालें, तो इंदौर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में वर्तमान में जाति के आधार पर जनसंख्या प्रतिशत विभाजन कुछ इस तरह है, जिसमें बौद्ध 0.36%, ईसाई 0.58%, जैन 2.19%, मुस्लिम 12.67%, एससी 17%, एसटी 4.8%, और सिख 0.78% शामिल हैं. फिलहाल अभी इंदौर लोकसभा क्षेत्र से शंकर लालवानी सांसद हैं. वहीं अगर सीट का संसदीय इतिहास देखा जाए, तो 1989 से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है.
सुमित्रा महाजन ने 8 बार यहां से जीत दर्ज की
शंकर लालवानी से पहले इस सीट पर 1989 से लगातार 8 बार बीजेपी की सुमित्रा महाजन सांसद थीं. सुमित्रा महाजन 2014 से 2019 के बीच लोकसभा अध्यक्ष भी रही थीं. इंदौर सीट पर 1952 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नंदलाल जोशी की जीत हुई ती. वहीं 1957 में कन्हैयालाल खादीवाला, 1962 में होमी एफ. दाजी, 1967 में प्रकाश चंद्र सेठी, 1972 राम सिंह भाई, 1977 में जनता पार्टी के कल्याण जैन, 1980 और 1984 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आई) के प्रकाश चंद्र सेठी चुनाव जीते.
2019 में भी जीती थी बीजेपी
वहीं 1989 में सुमित्रा महाजन को बीजेपी ने चुनाव मैदान में उतारा और उन्होंने भारतीय जनता पार्टी को 2019 तक अपने नाम से विजय दिलाई. वहीं 2019 में बीजेपी के शंकर लालवानी को सांसद चुना गया. 2019 भारतीय आम चुनाव में बीजेपी के शंकर लालवानी को 1,068,569 वोट मिले, जिसका प्रतिशत 65.59 था. वहीं कांग्रेस के उम्मीदवार पंकज संघवी को 5,20,815 वोट मिले, 31.97 फीसदी था.