नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल उपचुनाव के लिए टीएमसी मुखिया ममता बनर्जी ने आज अपना नामांकन दाखिल कर लिया है। जिस सीट पर बीजेपी की प्रियंका टिबरेवाल टक्कर देती नजर आएंगी। वहीं कांग्रेस ने मैदान में उतरने से पहले ही हार मान लिया है। लेकिन अब सबसे बड़ा सवाल है कि क्या प्रियंका, ममता को टक्कर दे पायेगी। जिसे शुभेन्दु अधिकारी ने नंदीग्राम में हराया था।
कौन है प्रियंका टिबरेवाल
आपको बता दें कि प्रियंका पेशे से सुप्रीम कोर्ट की एक वकील है। वे अगस्त 2020 से पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता युवा मोर्चा की उपाध्यक्ष हैं। बीजेपी ने उनको भवानीपुर सीट पर पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के खिलाफ प्रत्याशी बनाया है। प्रियंका ने 2014 में बीजेपी जॉइन किया था और 6 साल बाद 2020 में इन्हें बंगाल में भारतीय जनता युवा मोर्चा का उपाध्यक्ष बनाया। प्रियंका बीजेपी में आने से पूर्व भी चुनाव लड़ चुकी हैं।
सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में करती हैं प्रैक्टिस
प्रियंका टिबरेवाल पेशे से वकील हैं। वह सुप्रीम कोर्ट और कलकत्ता हाई कोर्ट में वकालत करती हैं। इनका जन्म 7 जुलाई 1981 को कोलकाता में हुआ था। इनकी स्कूली पढ़ाई कोलकाता से हुई थी जबकि ग्रेजुएशन इन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से किया। हालांकि लॉ की पढ़ाई के लिए ये वापस कोलकाता आ गईं और हाजरा कॉलेज से अपनी कानून की पढ़ाई पूरी की
बीजेपी प्रत्याशी के रूप में हार का सामना कर चुकी
प्रियंका टिबरेवाल पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में एंटल्ली सीट से बीजेपी प्रत्याशी थीं। लेकिन उनको हार का सामना करना पड़ा था। प्रियंका को टीएमसी के स्वर्ण कमल साहा को हराया था। प्रियंका ने 2015 में बीजेपी के टिकट पर म्युनिसिपल काउंसिल का भी चुनाव लड़ा था, लेकिन दुर्भाग्य से उन्हें यहां भी टीएमसी उम्मीदवार से हार का सामना करना पड़ा था।
बंगाल हिंसा मामले में सरकार के खिलाफ खोल चुकी हैं मोर्चा
पेशे से वकील प्रियंका टिबरेवाल कोर्ट में भी अपनी पार्टी का पक्ष रखती रही हैं। इन्होंने ही पश्चिम बंगाल चुनाव के बाद हुई हिंसा को लेकर कलकत्ता हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इसके अलावा प्रियंका ने पश्चिम बंगाल हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कैविएट भी दाखिल किया था।
अब उपचुनाव के माध्यम से जाएंगी विधानसभा
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के लिए उपचुनाव बेहद महत्वपूर्ण है। अगर वह यह चुनाव नहीं जीतती हैं तो उनका मुख्यमंत्री पद खतरे में पड़ जाएगा और इस्तीफा देना पड़ सकता है। ऐसे में उनकी विपक्षी बीजेपी किसी भी सूरत में भवानीपुर उपचुनाव में ममता बनर्जी की राह को मुश्किल करने की कोशिश करेगी।