राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली के बाद सीएम अशोक गहलोत सरकार बैकफुट पर है। वहीं राज्य के डेप्युटी सीएम सचिन पायलट ने एक महीने में 110 बच्चों की मौत पर अपनी ही सरकार को कटघरे में खड़ा किया था। लेकिन अब कोटा के बाद राज्य के दूसरे अस्पतालों से भी बच्चों की मौत की खबरें आ रही है।
बीकानेर के पीबीएम अस्पताल में एक महीने के अंदर 162 बच्चों की मौत का मामला सामने आया है। लेकिन अस्पताल प्रशासन ने लापहवाही से मौतों के आरोप को खारिज किया है। प्रशासन का कहना है कि लापरवाही से यहां एक भी बच्चे की मौत नहीं हुई है। वहीं सूबे के बूंदी के अस्पताल में भी दिसंबर में 10 नवजात बच्चों की मौत का खुलासा हुआ था। लेकिन अबतक यह सामने नहीं आया है कि ये मौतें किन कारणों से हुई है।
जोधपुर के दो अस्पतालों में भी पिछले कुछ महीनों में 146 बच्चों की मौत हुई है। जोधपुर का उम्मेद अस्पताल और एमडीएम हॉस्पिटल की हालत भी बहुत अच्छी नहीं है। एसएन मेडिकल कॉलेज के आंकड़ों की अगर मानें तो, इन दोनों ही अस्पतालों में दिसंबर महीने में 4,689 बच्चों को भर्ती कराया गया था। इनमें से 3,002 नवजात थे। इलाज के दौरान कुल 146 बच्चों, जिनमें से 102 नवजात थे, की मौत हो गई।
आपको बता दें की कोटा के जेके लोन अस्पताल में दिसंबर 2019 से लेकर अबतक 110 मासूमों की जान चली गई है। जिसपर जमकर राजनीति हो रही है।