बिहार विधानसभा चुनावों की मतगणना के बीच मंगलवार को चुनाव आयोग ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि इस बार मतगणना की प्रक्रिया पूरी होने में वक्त लग जाएगा। डीईसी चंद्र भूषण ने बताया कि अभी तक एक करोड़ से ज्यादा वोटों की गिनती हो चुकी है।
पोलिंग बूथों की संख्या इस बार 63 फीसदी ज्यादा थी। उन्होंने बताया कि 2015 में 38 जगहों पर पोलिंग बूथ बनाए गए थे लेकिन इस बार 58 जगहों पर पोलिंग बूथ थे।
बिहार के मुख्य इलेक्टोरल ऑफिसर एचआर श्रीनिवास ने बताया कि ‘इस बार लगभग 4.10 करोड़ वोट डाले गए हैं। अभी तक 92 लाख वोटों की गिनती की जा चुकी है। पहले 25-26 राउंड में वोटिंग हो जाती थी, इस बार संभावना है कि कम से कम 35 राउंड तक मतगगणना हो सकती है। ऐसे में काउंटिंग देर रात तक चल सकती है।’
आप को बता दे कि कोरोना संकट के कारण बूथों की संख्या में लगभग 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस बार 72 हजार बूथ की जगह 1 लाख 6 हजार 526 बनाने पड़े थे। मतगणना के लिए एक हॉल पर अधिकतम 14 टेबल होंगे। जहां हॉल छोटा होगा वहां 7 टेबल लगाए जाएंगे।
मतगणना केंद्र पर तैनात सभी मतगणना कर्मी, अधिकारी, सुरक्षा में तैनात जवान और पार्टी एजेंटों को मास्क और हैंड सेनेटाइजर का इस्तेमाल करना होगा। मतगणना केंद्र पर मतगणना से पहले फॉगिंग मशीन से टेमीफॉस का छिड़काव अनिवार्य है। तीन पालियों में मतगणना कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की गई है।
इस चुनाव में जहां नीतीश कुमार की साख दांव पर लगी है। वहीं तेजस्वी के सामने अपने पिता लालू प्रसाद यादव के छवि से हटकर अपना राजनीतिक करियर बनाने की चुनौती है।
मतगणना केन्द्रों की तादाद बढ़ाकर 58 कर दी गई है। मतगणना कर्मचारियों की भी तादाद उसी अनुपात में बढ़ाई गई है। चार जिलों पूर्वी चम्पारण, गया, सीवान और बेगूसराय जिलों में 3-3 केन्द्रों पर मतगणना होगी जबकि पूर्णिया, मधुबनी, सहरसा, गोपालगंज, दरभंगा, भागलपुर, बांका, नवादा और नालन्दा में 2-2 मतगणना केन्द्र बनाए गए हैं। बाकी बचे 23 जिलों में 1-1 मतगणना केन्द्र हैं।