मध्य प्रदेश: सरकार ने आंगनबाडी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, कोटवारों और संविदा कर्मियों के लिए बड़े लाभ की घोषणा की है। अब उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं में वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए आयुष्मान भारत योजना के तहत कवर किया जाएगा।
आंगनवाड़ी और संविदा कर्मियों के लिए स्वास्थ्य सुरक्षा
राज्य ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, कोटवारों और संविदा श्रमिकों को शामिल करने के लिए आयुष्मान भारत योजना का विस्तार किया है। इस कदम का उद्देश्य इन श्रमिकों को स्वास्थ्य सेवाओं में वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है। राज्य सरकार द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार, इन श्रमिकों को प्रति परिवार सालाना 5 लाख रुपये तक का स्वास्थ्य सुरक्षा लाभ मिलेगा।
इस योजना में श्रमिकों की एक विस्तृत श्रृंखला शामिल है, जिनमें शामिल हैं।
आंगनबाडी कार्यकर्ता
आंगनबाडी सहायिका
मिनी आंगनबाडी कार्यकर्ता
पंचायत सचिव
ग्राम रोजगार सहायक
आशा और उषा कार्यकर्ता
आशा पर्यवेक्षक
कोटवारों
संविदा कर्मी
इस समावेशन से स्वास्थ्य सेवाओं तक उनकी पहुंच में सुधार होगा और उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
अपर मुख्य सचिव स्वास्थ्य मोहम्मद सुलेमान ने महिला एवं बाल विकास, राजस्व, सामान्य प्रशासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग को पात्र हितग्राहियों की सूची बनाने के निर्देश दिये हैं। सटीक और कुशल वितरण सुनिश्चित करते हुए, केवल इस सूची में शामिल लोगों को ही योजना के तहत लाभ प्राप्त होगा।
आयुष्मान भारत योजना के लिए पात्रता मानदंड में शामिल हैं।
ऐसे परिवार जिनके किसी सदस्य ने पिछले तीन वर्षों में से किसी एक में आयकर का भुगतान किया हो, अपात्र हैं।
अन्य सरकारी योजनाओं से मुफ्त स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने वाले परिवारों को भी बाहर रखा गया है।
किसी अन्य राज्य या केंद्र सरकार की योजना के तहत मुफ्त स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त करने वाले सरकारी कर्मचारी पात्र नहीं होंगे।
आयुष्मान भारत योजना का महत्व
आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत आंगनबाडी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं, कोटवारों और संविदा कर्मचारियों को शामिल किया जाना राज्य सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है। इस निर्णय से स्वास्थ्य सेवाओं तक उनकी पहुंच में सुधार होगा और उनके जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि होगी। इस कदम से न केवल स्वास्थ्य क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा बल्कि राज्य के समग्र विकास में भी योगदान मिलेगा।