नई दिल्ली :कोरोना महामारी ने पूरी दुनिया के अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया है, जिसे लेकर लगातार देश में मंदी की आहट सुनाई पड़ रही थी। हालांकि इस मंदी के दौर के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ी अच्छी खबर आई है। आपको बता दें कि दिसंबर तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 0.4 फीसदी की बढ़त हुई है। यानी भारतीय अर्थव्यवस्था मंदी के दौर से बाहर निकल गई है।
पूरे वित्त वर्ष 2020-21 में 8 फीसदी की गिरावट आने का अनुमान है जीडीपी के इन आंकड़ों का सबको बेसब्री से इंतजार था। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (NSO) द्वारा जारी किये गये आंकड़ों के अनुसार अप्रैल से जनवरी के दौरान राजकोषीय घाटा 12.34 लाख करोड़ रुपये का रहा है।
वहीं ICICI सिक्यूरिटीज द्वारा 1722 कंपनियों के तिमाही रिजल्ट के डेटा के आधार पर किए गए एक विश्लेषण से भी यह बात सामने आई थी कि इकोनॉमी में तेज सुधार हो रहा है। गौरतलब है कि कोरोना काल के दौरान लगातार देश की अर्थव्यवस्था गिर रही थी और ऐसा माना जाता है कि जब कोई अर्थव्यवस्था लगातार दो तिमाही गिरावट में रहती है, तो वह तकनीकी रूप से मंदी के दौर में पहुंच चुकी है।
कोरोना संकट की वजह से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था गिरावट के दौर में है। इसकी वजह से ही इस वित्त वर्ष की जून में होने वाली पहली तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में 23.9 फीसदी की गिरावट आई। इसकी वजह यह थी कि उस दौरान देश में काफी सख्त लॉकडाउन लगा था और इकोनॉमी पूरी तरह से ठप थी। इसके बाद फिर सितंबर की दूसरी तिमाही में जीडीपी में 7.5 फीसदी की गिरावट आई।
कई एजेंसियों और संस्थाओं ने यह उम्मीद जताई थी कि तीसरी तिमाही में अर्थव्यवस्था पॉजिटिव जोन में जाएगी। भारतीय रिजर्व बैंक की दिसंबर में जारी ‘स्टेट ऑफ द इकोनॉमी’ बुलेटिन में कहा गया था कि ऐसे पॉजिटिव संकेत मिल रहे हैं कि अर्थव्यवस्था गहरी खाई से अब रोशनी की तरफ बढ़ रही है।