सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक अहम फैसले में दिल्ली हाईकोर्ट के उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन (PM-ABHIM) को दिल्ली में लागू करने के लिए कहा गया था। इस फैसले के बाद दिल्ली में यह योजना फिलहाल स्थगित रहेगी।
दिल्ली सरकार की दलीलें सुप्रीम कोर्ट में
दिल्ली सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखा। उन्होंने कहा, संविधान की सीमाएं राज्य सूची की एंट्री 1, 2 और 18 के तहत स्वास्थ्य राज्य का विषय है, और केंद्र की शक्तियां सीमित हैं। हाईकोर्ट का आदेश दिल्ली सरकार को केंद्र के साथ समझौता करने के लिए बाध्य कर रहा है, जो संवैधानिक प्रावधानों के खिलाफ है।
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार की दलीलें सुनने के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए केंद्र सरकार से जवाब मांगा है।
हाईकोर्ट का आदेश और उसकी पृष्ठभूमि
2017 में दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई थी।
याचिका में दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में ICU बेड और वेंटिलेटर की कमी पर चिंता जताई गई। साथ ही, आयुष्मान भारत स्वास्थ्य योजना को दिल्ली में लागू करने की मांग की गई।
हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को इस योजना को लागू करने के लिए आपसी समझौता करने का आदेश दिया था।
क्या है पीएम आयुष्मान भारत स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन?
यह योजना देश में स्वास्थ्य सेवाओं के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए शुरू की गई थी।
ग्रामीण क्षेत्रों पर फोकस
10 उच्च प्राथमिकता वाले राज्यों में 17,788 ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
शहरी क्षेत्रों के लिए प्रयास
11,024 शहरी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र बनाए जाएंगे।
राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से अलग
यह योजना विशेष रूप से स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार और आधुनिकीकरण सुनिश्चित करती है।
दिल्ली में आयुष्मान भारत स्वास्थ्य इंफ्रास्ट्रक्चर मिशन को लागू करने को लेकर केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच चल रहे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने फिलहाल रोक लगा दी है। यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि आगे केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार इस मुद्दे को कैसे सुलझाते हैं और जनता के स्वास्थ्य अधिकारों को कैसे प्राथमिकता दी जाती है।