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Loksabha Election: इंदौर में कांग्रेस को बड़ा झटका, प्रत्याशी ने वापस लिया नामांकन

Lok Sabha Chunav 2024: मध्यप्रदेश की सियासत से जुड़ी बड़ी खबर है. इंदौर में लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस को बड़ा झटका लगा. इंदौर सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने मैदान छोड़ दिया है. अक्षय ने सोमवार को नामांकन वापस ले लिया.

By: RNI Hindi Desk 
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Loksabha Election: इंदौर में कांग्रेस को बड़ा झटका, प्रत्याशी ने वापस लिया नामांकन

मध्य प्रदेश में कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है. इंदौर लोकसभा सीट से उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने सोमवार (29 अप्रैल) को नामांकन वापस ले लिया. कलेक्टर कार्यालय में जाकर बीजेपी के उम्मीदवार शंकर लालवानी के सामने उन्होंने अपना पर्चा वापस लिया. इस दौरान बीजेपी के नेता रमेश मेंदोला भी साथ थे.

कैलाश विजयवर्गीय की पोस्ट: अक्षय का भाजपा में स्वागत 

जानकारी के मुताबिक, कांग्रेस प्रत्याक्षी अक्षय बम सोमवार सुबह कलेक्टर कार्यालय पहुंचे. उनके साथ भाजपा विधायक रमेश मेंदोला और एमआईसी मेंबर जीतू यादव थे. अक्षय ने नाम वापस लिया और फिर मेंदोला के साथ कार्यालय के बाहर निकल गए. कुछ देर बाद मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने एक्स पर अक्षय के साथ फोटो पोस्ट करते हुए लिखा कि अक्षय का भाजपा में स्वागत है. इसके बाद अक्षय को लेकर कैबिनेट मंत्री कैलाश सीधे भाजपा कार्यालय पहुंचे. बम के अचानक नामांकन वापस लेने से कांग्रेस नेता नाराज हैं, वे उनके घर के बाहर प्रदर्शन करने पहुंच रहे हैं.

17 साल पुराने मामले में बढ़ी अक्षय कांति बम की मुसीबत

चार दिन पहले 25 अप्रैल को अक्षय कांति बम सहित कुछ और लोगों पर 17 साल पुराने हत्या के प्रयास मामले को बढ़ाया गया. इस मामले में अगली सुनवाई 10 मई को है.

बीजेपी उम्मीदवार के सामने कोई बड़ी चुनौती नहीं

अक्षय कांति बम ने बतौर कांग्रेस प्रत्याशी अपना नामांकन वापस ले लिया है यानी अब वह लोकसभा चुनाव नहीं लड़ेंगे. कांति बम के नामांकन वापस लेने के बाद बीजेपी के सांसद शंकर लालवानी के सामने कोई खास चुनौती नहीं है. हालांकि अब कांग्रेस का अगला कदम क्या होगा इसको लेकर तस्वीर साफ नहीं हुई है.

BJP की ले सकते हैं सदस्यता

जानकारी के अनुसार, कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम भाजपा विधायक रमेश मेंदोला के साथ निर्वाचन कार्यालय पहुंचे थे, जहां उन्होंने अपना नामांकन वापस ले लिया. इसके बाद में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और विधायक मेंदोला के साथ भाजपा कार्यालय के लिए रवाना हो गए. माना जा रहा है कि बम भाजपा की सदस्‍यता लेंगे.

नरेंद्र सलूजा की पोस्ट: पटवारी का गृह नगर इंदौर कांग्रेस मुक्त

मध्यप्रदेश भाजपा के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने अक्षय कांति बम के नामांकन वापस लेने के बाद कांग्रेस और पीसीसी चीफ जीतू पटवारी पर निशाना साधा है. सलूजा ने लिखा है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी का गृह नगर इंदौर कांग्रेस मुक्त. कांग्रेस मैदान से ग़ायब. कांग्रेस उम्मीदवार वापस…देश और प्रदेश को लेकर बड़े-बड़े दावे करने वाले पटवारी देख ले इंदौर में कांग्रेस की स्थिति. इसके बाद अब जीतू पटवारी को अपने पद से इस्तीफ़ा दे देना चाहिए.

अक्षय कांति बोले- कांग्रेस नहीं दे रही थी साथ?

नामांकन वापस लेने के बाद अक्षय कांति बम ने कहा कि जब से उन्होंने नामांकन जमा किया था, तब से ही कांग्रेस की ओर से उन्हें कोई सपोर्ट नहीं मिल रहा था. हालांकि, राजनीतिक गलियारों में यह भी कयास लगाए जा रहे हैं कि फॉर्म भरने के बाद से ही कांग्रेस अक्षय कांति पर दबाव बना रही थी.

सूरत जैसा खेल हो सकता

कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय के नामांकन वापस लेने के बाद यहां भी सूरत जैसा खेल होने की चर्चा होने लगी है. दरअसल, इससे पहले गुजरात के सूरत में भी ऐसा ही घटनाक्रम हुआ था. वहां, कांग्रेस प्रत्याशी ने अपना नामांकन वापस ले लिया था, इसके साथ ही अन्य दलों की उम्मीदवार और निर्दलीय प्रत्याशी अपना पर्चा वापस ले चुके थे. जिसके बाद सूरत में भाजपा ने निर्विरोध चुनाव जीत लिया था.

2019 लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी को हराया

शंकर लालवानी ने 2019 में बीजेपी की टिकट पर लोकसभा का चुनाव जीता. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंदी कांग्रेस उम्मीदवार को करीब 5 लाख 47 हज़ार वोटों के ऐतिहासिक अंतर से हराया था. सांसद बनने के बाद, वह लोकसभा में आवास और शहरी मामलों की स्थायी समिति, सदन की बैठक से सदस्यों की अनुपस्थिति संबंधी समिति, संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय की सलाहकार समिति, सहकारिता विभाग सलाहकार समिति, उपभोक्ता मामले खाद्य और सार्वजनिक वितरण परामर्श समिति और एमएसएमई नेशनल बोर्ड के भी सदस्य हैं.

कौन हैं शंकर लालवानी?

शंकर लालवानी का जन्म 16 अक्टूबर 1961 को इंदौर में हुआ था. उनके पिता जमनादास लालवानी अखंड भारत के विभाजन से पहले इंदौर आए थे. जमनादास लालवानी इंदौर आकर भी आरएसएस में सक्रिय थे. वे जनसंघ पार्टी में थे और सामाजिक कामों में सक्रिय रहते थे. वे कई सालों तक मध्य प्रदेश में सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष भी रहे. शंकर लालवानी की माताजी गोरी देवी लालवानी एक कुशल गृहिणी थीं.

शंकर लालवानी ने मध्य प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से हायर सेकेंडरी की परीक्षा पास की और फिर मुंबई से बी-टेक की पढ़ाई की. बाद में वो फिर इंदौर आकर व्यापार और कंसल्टेंसी में लग गए. 1994 से 1999 तक लालवानी इंदौर नगर निगम में पार्षद रहे. इसके बाद 1999 से 2004 तक वे 5 वर्ष तक इंदौर नगर निगम के सभापति पद पर रहे. 2013 में इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष बनाए गए.

शंकर लालवानी की सामाजिक गतिविधियां

सांस्कृतिक और सामाजिक गतिविधियों की बात करें तो पिछले 25 सालों से वे लोक संस्कृति मंच के माध्यम से मालवा उत्सव, हरतालिका तीज उत्सव, हिंदू नववर्ष पर सूर्य अर्घ्य समेत कई कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं. लालवानी को संसदीय समिति और शहरी विकास समिति का सदस्य बनाया गया है. वो लगातार 2 बार इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष रहे. शंकर लालवानी पार्षद, अध्यक्ष नगर निगम और इंदौर विकास प्राधिकरण के प्रमुख के रूप में काम किया.

इंदौर में विकास कार्य करने का दावा

शंकर लालवानी का कहना है कि उनके कार्यकाल में कोविड की कठिन परिस्थितियों के बावजूद इंदौर में रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर का तेजी से विकास हुआ है और जल्द ही इंदौर मेन लाइन पर आ जाएगा. इसके अलावा 3,200 करोड़ के निर्माण कार्यों की स्वीकृति, 1,000 करोड़ के नए इंदौर रेलवे स्टेशन की योजना पर काम शुरू हो गया है.

उन्होंने बताया कि लक्ष्मीबाई नगर स्टेशन के विस्तारीकरण की शुरुआत, इंदौर-खंडवा रेल लाइन के काम में तेजी, राऊ-महू रेल लाइन का दोहरीकरण, इंदौर-दाहोद रेल लाइन के काम में तेजी आई है.

लालवानी ने कहा कि इंदौर-महू-पीथमपुर मेट्रो लाइन की मांग की गई है. इसके साथ ही इंदौर-सांवेर-उज्जैन मेट्रो लाइन की मांग रखी गई है और सर्वे पूर्ण हो गया है. इंदौर-बुधनी-जबलपुर रेल लाइन की स्‍वीकृति और इंदौर से वंदे भारत ट्रेन प्रारंभ करना उनकी उपलब्धि रही. सांसद शंकर लालवानी ने अब तक 15 करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि से पेयजल, स्वच्छता और कई विकास कार्यों पर खर्च किए हैं.

इंदौर लोकसभा सीट पर कब कौन जीता

1952 नंदलाल जोशी कांग्रेस
1957 कन्हैयालाल खादीवाला कांग्रेस
1962 होमी एफ. दाजी स्वतंत्र
1967 प्रकाश चंद्र सेठी कांग्रेस
1971 प्रकाश चंद्र सेठी कांग्रेस
1972 (उपचुनाव) राम सिंह भाई कांग्रेस
1977 कल्याण जैन जनता पार्टी
1980 प्रकाश चंद्र सेठी कांग्रेस
1984 प्रकाश चंद्र सेठी कांग्रेस
1989 सुमित्रा महाजन बीजेपी
1991 सुमित्रा महाजन बीजेपी
1996 सुमित्रा महाजन बीजेपी
1998 सुमित्रा महाजन बीजेपी
1999 सुमित्रा महाजन बीजेपी
2004 सुमित्रा महाजन बीजेपी
2009 सुमित्रा महाजन बीजेपी
2014 सुमित्रा महाजन बीजेपी
2019 शंकर लालवानी बीजेपी

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