नई दिल्ली : संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा हरियाणा के करनाल में (Karnal) में किसानों की महापंचायत (Mahapanchayat) और ‘मिनी सेक्रेटेरिएट’ का घेराव करने के ऐलान के बाद पुलिस पहले से ही सतर्क हो गई है। इसे लेकर उन्होंने इलाके में धारा 144 लागू कर दिया है। साथ ही किसी तरह की अप्रिय घटना से बचने के लिए इंटरनेट सेवा पर भी रोक लगा दी गई है। इसके साथ ही सुरक्षा के तौर पर हरियाणा पुलिस के साथ ही पैरामिलिट्री फोर्सेज को करनाल में तैनात कर दिया गया है।
आपको बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने ऐलान किया है कि 7 सितंबर को करनाल में महापंचायत (Mahapanchayat) का आयोजन किया जाएगा, जिसमें मुजफ्फरनगर की तरह ही पूरे देश से किसान भाई हिस्सा लेने के लिए जुटेंगे। इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।
No outcome from the meeting with Karnal admin. We will go ahead with our panchayat: Haryana Bharatiya Kisan Union chief Gurnam Singh Charuni on Karnal Mahapanchayat (Sept 7) & gherao of mini secretariat
Mahapanchayat is being held against police lathicharge on farmers on Aug 28 pic.twitter.com/8HYj3EAKEm
— ANI (@ANI) September 6, 2021
करनाल में कल होने वाली महापंचायत को लेकर प्रशासन से बातचीत पर किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि, “प्रशासन ने बात करने के लिए बुलाया था लेकिन हल नहीं निकला है। हमने कहा है कि हम पंचायत करेंगे और उसके बाद हमारा सचिवालय के घेराव का कार्यक्रम है। प्रशासन ने कहा है कि हम रोकेंगे।”
सचिवालय और हाईवे को नहीं होने देंगे जाम
करनाल के ज़िलाधिकारी निशांत यादव ने कहा है कि कल करनाल में किसान मंडी में किसानों ने महापंचायत बुलाई है। मैं लोगों से अपील करना चाहता हूं कि कल के दिन अगर ज़रूरी ना हो तो राष्ट्रीय राजमार्ग-44 (करनाल की सीमा) में यात्रा करने से बचे। हम सचिवालय और हाईवे को जाम नहीं होने देंगे।
Haryana | We held talks with farmers. Their demand was not justified. No compensation will be given to law violators & no action will be taken against our officials. We’ll not let them block the highway & gherao mini secretariat (tomorrow): Nishant Kumar Yadav, DM, Karnal pic.twitter.com/v79gxxpBOP
— ANI (@ANI) September 6, 2021
जायज नहीं थीं किसानों की मांग
करनाल के DM निशांत कुमार यादव ने कहा कि, “हमने किसानों के साथ बातचीत की। उनकी मांग जायज नहीं थी। कानून का उल्लंघन करने वालों को कोई मुआवजा नहीं दिया जाएगा और हमारे अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी। हम उन्हें कल हाईवे जाम और मिनी सचिवालय का घेराव नहीं करने देंगे।”
बातचीत का नहीं निकला नतीजा
28 अगस्त को सीएम खट्टर का विरोध कर रहे किसानों पर बसताड़ा टोल प्लाजा पर लाठीचार्ज किया गया था। जिसके बाद किसानों ने अपनी मांगों को लेकर सरकार को 6 सितंबर तक का अल्टीमेटम दिया था। किसान नेताओं ने कहा था कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर अगर कोई फैसला नहीं लिया तो वह 7 सितंबर को करनाल की अनाज मंडी में बड़ी महापंचायत आयोजित करेंगे। इसके साथ ही किसानों ने करनाल मिनी सचिवालय का घेराव करने की भी चेतावनी दी थी।
सभी को अपनी बात कहने और प्रदर्शन का अधिकार
हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा है कि सभी को अपनी बात कहने और प्रदर्शन का अधिकार है। कल किसान भी कर रहे हैं तो करें लेकिन शांतिपूर्वक करें। हमने सारे इंतज़ाम किए हैं। लोगों की सुविधा के लिए कुछ रास्ते बदले भी हैं। ADGP (कानून व्यवस्था) को मैंने खुद वहां रहने का आदेश दिया है।
किसानों ने प्रशासन के सामने क्या रखी थी मांग
नाराज किसानों ने मृतक किसान के बेटे के लिए सरकार की तरफ से नौकरी देने और पीड़ित परिवार को 25 लाख का मुआवजा देने की मांग की थी। वहीं लाठीचार्ज में घायल किसानों के परिवारों के लिए 2-2 लाख के मुआवजे की भी मांग की गई थी। सात ही किसानों ने अल्टीमेटम दिया था कि अगर मांगें नहीं मानी गईं तो वह करनाल में 7 सितंबर को महापंचायत करेंगे।