रिपोर्ट: गीतांजली लोहनी
नई दिल्ली: अगर आप भी गहरी आस्था में विश्वास रखते है और रोज पूजा-पाठ करते है फिर भी आपको लगता है कि आपको आपकी पूजा का फल नहीं मिल रहा है। तो इसमें आपकी आस्था की कमी नहीं बल्कि वास्तुशास्त्र के हिसाब से इसके पीछे आपके घर में रखें मंदिर की दिशा भी हो सकती है। जी हां क्या आप जानते है कि घर में मंदिर अगर सहीं दिशा में नहीं रखा होता है तो आपकी जिंदगी में परेशांनियां बनी रहती है। तो चलिए जानते है किस दिशा में नहीं होना चाहिए घर का मंदिर-
वास्तुशास्त्र के अनुसार घर का मंदिर कभी भी आग्नेय कोण में नहीं होना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ये अशुभ दिशा होती है। अगर इस दिशा में मंदिर होता है तो घर के मुखिया को कभी हृदय रोग की समस्या होती है तो कभी शरीर में खून की कमी हो जाती है। यानी की रक्त संबंधी परेशानियां लगी ही रहती हैं।
वास्तुशास्त्र के अनुसार घर का मंदिर कभी भी वायव्य कोण में नहीं होना चाहिए। कहते हैं कि इस दिशा में मंदिर हो तो घर के सदस्य पूजा तो करते हैं लेकिन धर्म का पालन नहीं करते। इसके अलावा उन्हें अमूमन पेट संबंधी परेशानियों का भी सामना करना पड़ता है। ऐसे जातकों की वाणी भी बहुत खराब होती है। इसके चलते उनके झगड़े भी बहुत होते हैं।
वास्तुशास्त्र के अनुसार अगर घर का मंदिर ईशान कोण में हो तो ये दिशा अत्यंत शुभ मानी जाती है। मान्यता है कि इस दिशा में मंदिर हो तो घर के मुखिया के छोटे भाई-बहन, बेटा या बेटी कई विषयों के विद्वान होते हैं। बता दें कि वास्तु में इस दिशा को ब्रह्म स्थल भी कहा गया है। माना जाता है कि इस दिशा में अगर घर का मंदिर हो तो पूरे घर में पॉजिटिव एनर्जी बनी रहती है।