पश्चिम बंगाल में जैसे जैसे विधान सभा चुनाव नजदीक आ रहा है वैसे वैसे पश्चिम बंगाल की राजनीति भी तेज होती जा रही। सभी पार्टी अपनी तैयारी में लगे हुए है। इस ही के साथ ही पश्चिम बंगाल की राजनीति में लगातार आरोप-प्रत्यारोप और बिगड़े बोल का सिलसिला जारी है।
सोमवार को पश्चिम बंगाल बीजेपी चीफ ने कहा कि सीएम ममता बनर्जी ने हमेशा ‘तानाशाही व्यवहार’ दिखाया है, जिसे अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ तुलना किया जा सकता है।
बंगाल की मुख्यमंत्री हमेशा से ट्रंप की तरह जिद्दी व्यवहार प्रदर्शित करती रही हैं। तानाशाही रवैया, जो लोकतंत्र में विश्वास नहीं करता है। उनकी पार्टी में भी लोकतंत्र का अभाव है. लोग दल बदल रहे हैं और दूसरी पार्टियों में जा रहे हैं।
पिछले साल जो बाइडेन के सामने राष्ट्रपति चुनाव में करारी शिकस्त खाने वाले राष्ट्रपति ट्रंप को पिछले हफ्ते यूएस कैपिटल में हमले के लिए भीड़ को उकसाने के आरोप में दुनियाभर में भारी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है।
डोनाल्ड ट्रंप को कई मौकों पर अपना दोस्त बताने वाले पीएम मोदी ने यूएस कैपिटल पर हुए हमले की आलोचना की। पिछले हफ्ते उन्होंने ट्वीट करते हुए कहा- “लोकतांत्रिक प्रक्रिया को अवैध प्रदर्शन के जरिए विकृत नहीं किया जा सकता है।”
घोष ने तृणमूल कांग्रेस से छोड़कर जा रहे सीनियर नेताओं को लेकर भी ममता बनर्जी पर हमला बोला। उन्होंने कहा- “उनके पार्टी में खुद ही लोकतंत्र नहीं है। लोक छोड़कर जा रहे हैं। राज्य में ना कोई लोकतंत्र है और ना ही कानून और व्यवस्था।”
इससे पहले रविवार को दिलीप घोष ने कहा कि ममता बनर्जी राज्य में केंद्र की योजनाओं के नाम बदलकर उनके अपने नाम से चलाती हैं। घोष ने कहा कि चुनाव से पहले ममता बनर्जी कोरोना वायरस वैक्सीन का नाम तिलकश्री और ममताश्री कर सकती हैं।
दरअसल ममता बनर्जी ने कहा था कि केवल कोरोना योद्धाओं को ही नहीं, बल्कि राज्य की समस्त जनता को कोरोना टीके मुफ्त में लगाने के बंदोबस्त किये जा रहे हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि अग्रिम मोर्चे पर रहकर काम करने वाले कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
उधर, तृणमूल कांग्रेस सरकार पर केंद्रीय योजनाओं के नाम बदलकर अपना बताने के आरोप लगाते हुए राज्य के पूर्व मंत्री और अब बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा, ‘‘केंद्र के स्वच्छ भारत अभियान का नाम बदलकर निर्मल बांग्ला मिशन कर दिया गया है।’’
पूर्व तृणमूल नेता ने एक जनसभा में दावा किया कि कोयला और अन्य खनिजों समेत पुरुलिया के प्राकृतिक संसाधनों को संगठित गिरोहों द्वारा लूटा जा रहा है और राज्य सरकार इस बारे में कुछ नहीं कर रही।
पूर्व विधायक ने आदिवासी बहुल जिले में अपने भाषण में कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने संथालियों की ‘ओल चीकी’ भाषा को संविधान की आठवीं अनुसूची में मान्यता दी थी, लेकिन तृणमूल कांग्रेस सरकार ने इसे प्रोत्साहित करने के लिए कोई पुस्तक या शिक्षण सुविधा उपलब्ध नहीं कराई।
उन्होंने दावा किया कि तृणमूल कांग्रेस अब राजनीतिक दल नहीं रहा और यह पार्टी एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी की तरह काम कर रही है। अधिकारी ने आरोप लगाया, ‘‘दक्षिण कोलकाता के तीन या चार लोग सरकार चला रहे हैं और उनके हाथों में 30 में से 20 विभाग हैं।’’