भारत में लोकसभा चुनाव के आते ही चुनाव आयोग लोगों की जागरूक करने में जुट जाता है. लोगों से उनके वोटर आईडी कार्ड अपडेट करवाने से लेकर चुनाव के दिन वोट करने तक की अपील की जाती है. मतदाता जागरूकता अभियान चलाया जाता है. अगर किसी को अपना वोटर आईडी कार्ड बनवाना या अपडेट करना होता है तो वो चुनाव आयोग के ऑफिशियल वेबसाइट से ऐसा आसानी से कर सकता है. लेकिन कई लोग आलस दिखाते हैं और इसी का फायदा उठाते हैं शातिर ठग.
लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पुलिस ने ऐसे ही एक शातिर ठग का भांडाफोड़ किया. ये ठग चुनाव से पहले लोगों को आराम से वेबसाइट के जरिये अपना वोटर आईडी बीस रुपए में डाउनलोड करने का झांसा दे रहा था. शख्स सभी से बीस रुपए चार्ज करता और इसके बदले में उन्हें एक वेबसाइट से आईडी डाउनलोड करवाता. डाउनलोड की गई आईडी दिखती तो वोटर कॉर्ड जैसी ही थी लेकिन होती थी नकली. चुनाव आयोग की शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी को अरेस्ट कर लिया.
मध्य प्रदेश स्टेट साइबर सेल के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक योगेश देशमुख ने आरोपी की अधिक जानकारी दी. इसके बाद मध्य प्रदेश पुलिस की साइबर एक्सपर्ट की टीम सक्रिय हुई और आरोपी को दबोच लिया. पकड़े जाने के बाद जब पुलिस ने आरोपी से जब पूछताछ की तो बड़ा खुलासा हुआ, जिसे सुनकर मध्य प्रदेश पुलिस के साइबर एक्सपर्ट भी दंग रह गए.
उन्होंने बताया कि आरोपी का नाम रंजन चौबे है. वो मूल रुप से बिहार के चम्पारण का रहने वाला है. उन्होने बताया कि चुनाव आयोग ने राज्यों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों को इस बात की जानकारी दी कि कोई नकली वोटर आईडी बनाकर लोगो से पैसे ऐंठ रहा है. इसके बाद साइबर पुलिस ने मामला दर्ज कर इसपर तुरंत एक्शन लिया.
आरोपी रंजन ना सिर्फ लोगों से बीस रुपए लेकर नकली वोटर आईडी बनाता था बल्कि पैन और आधार भी बनाता था. उसने यूट्यूब से ये फ्रॉड सीख कर लोगों को उल्लू बनाना शुरू किया. लोगों से बीस रुपए लेकर वो फर्जी वेबसाइट से उनसे नकली कार्ड डाउनलोड करवाता था.