नई दिल्ली : कभी पंजाब में बीजेपी की घटक दल रहीं, शिरोमणि अकाली दल अब मायावती की नेतृत्व वाली पार्टी बीएसपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। इसे लेकर उन्होंने सीटों का भी बंटवारा कर दिया है। आपको बता दें कि कुल 117 विधानसभा सीटों में से 20 सीटों पर बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) और बाकी बची 97 सीटों पर शिरोमणि अकाली दल चुनाव लड़ेगी।
सुखबीर सिंह बादल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा है कि, ‘दोनों पार्टियों की सोच दूरदर्शी है, दोनों ही पार्टियां गरीब किसान मजदूरों के अधिकारों की लड़ाई लड़ती रही हैं। ये पंजाब की सियासत के लिए ऐतिहासिक दिन है।’ इससे पहले, साल 1996 लोकसभा चुनाव में भी अकाली दल और बीएसपी दोनों दल साथ मिलकर लड़े थे। तब बीएसपी सुप्रीमो कांशीराम पंजाब से चुनाव जीत गए थे। सितंबर 2020 में संसद से पास तीन नए कृषि कानूनों के विरोध में NDA के घटक अकाली दल ने मोदी सरकार से बाहर होने का फैसला किया था।
बता दें कि एक दिन पहले अकाली दल के ‘मुलाजम मोर्चा’ (कर्मचारी मोर्चे) की बैठक में पार्टी के नेताओं ने बादल को एक ज्ञापन सौंपा था। पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी केवल ऐसी मांगों को ही अपने घोषणा पत्र में शामिल करेगी, जिन्हें सत्ता में आने पर पूरा किया जा सके। पार्टी 2022 में होने वाले पंजाब विधानसभा चुनावों के लिए अक्टूबर तक अपना घोषणापत्र तैयार कर लेगी। इसके साथ ही बादल ने कांग्रेस पर सत्ता प्राप्त करने के लिए लोगों से झूठे वादे करने और उन्हें धोखा देने का भी आरोप लगाया।