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असम की लेखिका ने कहा कि – सैनिकों को शहीद का दर्जा नहीं मिलना चाहिए , लोगों में मचा हंगामा

By RNI Hindi Desk 
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रिपोर्ट – माया सिंह

असम :  हर देश में सैनिक उस देश की शान होते हैं । वह खराब हालात में भी सरहद पर चौंकान्ना होकर खड़े रहते हैं और देश की रक्षा के लिए अपने प्राण तक न्यौछावर कर देते हैं। मातृभूमि के प्रति वफादारी और जज्बे को देखते हुये सौनिकों के मृत्यु होने पर उन्हें ख़ास सम्मान दिया जाता है और मृतक नहीं  बल्कि ‘शहीद’ कहा जाता है । लेकिन असम के एक लेखिका ने सैनिकों के बारे में ऐसा कुछ कहा दिया है , जिससे लोग आग बबूला हो गये और पुलिस तक शिकायत कर दी । फिलहाल वो सलाखों के पीछे हैं ।

दरअसल , असम की एक 48 वर्षीय लेखिका सिखा शर्मा ने हाल ही में छत्तीसगढ़ नक्सली हमले में जान गवांने वाले सौनिकों को शहीद मानने से इंकार कर दिया है । बताया जा रहा है कि सिखा सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव रहती है । असल में उन्होनें अपने फेसबूक पोस्ट में सोमवार को लिखा था कि – वेतन पाने वाले पेशेवर , जो सेवा करने के दौरान अपनी जान गंवाते हैं , उन्हें शहीद नहीं माना जा सकता । इस तर्क से तो बिजली विभाग में काम करने वाले कर्मचारी , जो करंट लगने से मरता है , उसे भी शहीद का दर्जा मिलना चाहिए ।

इस पोस्ट के बाद सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया , लोग अपना गुस्सा कमेंट के जरिये जाहिर करने लगे । हालात काफी गंभीर होने के वजह से गुवाहाटी पुलिस ने देश  द्रोह के आरोप में उन्हें गिरफ्तार कर लिया है । गुवाहाटी के पुलिस कमिश्नर मुन्ना गुप्ता का कहना है कि सिखा शर्मा पर आईपीसी की कई धारा लगाई गई हैं और देश द्रोह के मामले में उन्हें हिरासत में लिया गया है । इसके बाद उन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा ।

 

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