रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: भारतीय़ क्रिकेट टीम दुनिया की दिग्गज टीमों को मात देने में आसानी से कामयाब हो जाती है। भारतीय टीम के टेस्ट इतिहास की बात करें तो भारत ने साल 1932 में टेस्ट खेलना शुरु किया। भारतीय टीम को एक मैच जीतने के लिए 20 साल कड़ी मशक्कत करनी पड़ी, तब जाकर भारत ने साल 1952 में पहला टेस्ट मैच जीतने का स्वाद चखा था।
शुरुआती दौर में एक टेस्ट मैच जीतने में जहां 20 साल लगे। तो वहीं कुछ सालों बाद भारतीय टीम की पहचान बदल गई। अब टीम की पहचान हो गई थी कि भारतीय टीम मैच बचाने के लिए खेलती है। समय बदला खिलाड़ी बदले और टीम की पहचान भी बदली एक दौर ऐसा आया जब भारतीय टीम घर की शेर बन गई। भारतीय टीम अब अपने घरेलु मैदान पर जीतती थी, लेकिन विदेश मैदानों पर ढेर हो जाती थी।
20वीं सदी के आखिर भारतीय टीम पर “घर का शेर” होने का टैग लगा रहा। 20वीं सदी के जाते ही भारतीय टीम के हालात बदलने लगे। इसमें महत्वपूर्ण भूमिका वर्तामान BCCI अध्यक्ष सौरभ गांगुली ने निभाई थी ।
गांगुली ने भारतीय टीम को टेस्ट मैच ड्रॉ करने के अलावा जीतना सिखाया। आपको बता दें कि साल 2000 से लेकर अब तक भारत ने 218 टेस्ट मैच खेले हैं। इसमें से भारत ने 99 टेस्ट मैच जीतकर शतक लगाने से महज एक कदम दूर है। एक टेस्ट मैच जीतते ही भारतीय टीम 21वीं सदी में टेस्ट जीत का शतक लगाने वाली पहली एशियाई टीम बन जाएगी।
साल 2000 में सौरव गांगुली ने अपनी कप्तानी में भारतीय टीम को मैच बचाने वाली टीम से मैच जीतने वाली टीम बनाया। सौरभ गांगुली ने भारत को 21 मैचों में जीत दिलाई। गांगुली के बाद सही मायनों में सफल कप्तान धोनी रहे। उन्होंने 60 में से 27 टेस्ट में टीम को जीत दिलाई। इसके बाद वर्तमान कप्तान विराट कोहली इसे नेक्स्ट लेवल पर ले गए और अब तक 58 मैचों में से 34 में टीम इंडिया को जीत दिला चुके हैं।