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‘नारदा घूसकांड’ याचिका मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक और जज ने किया खुद को अलग, कहा- नहीं करना चाहता सुनवाई

By: Amit ranjan 
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‘नारदा घूसकांड’ याचिका मामले में सुप्रीम कोर्ट के एक और जज ने किया खुद को अलग, कहा- नहीं करना चाहता सुनवाई

नई दिल्ली : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में लगातार तीसरी बार जीत हासिल कर सत्ता हासिल करने वाली ममता बनर्जी के राज्य में इन दिनों खौफ का माहौल बना हुआ है। क्योंकि जिस प्रकार चुनाव बाद राज्य में लगातार हिंसा हो रहा है, उसे कंट्रोल करने में राज्य सरकार और पुलिस विफल नजर आ रही है। वहीं नारदा घोटाले में ममता के कई करीबियों के नाम सामने आने के बाद TMC कार्यकर्ताओं के उत्पात बाद भी ममता का एक्शन न लेना और खुद ममता का अड़ियल रवैया सवालियां निशान पर है।

आपको बता दें कि ममता के इसी अराजकता का नतीजा है कि सुप्रीम कोर्ट के एक और जज ने खुद को ‘नारदा घूसकांड’ में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की याचिका पर सुनवाई करने वाले बेंच को छोड़ दिया है। कोलकाता के रहने वाले जज अनिरुद्ध बोस ने बेंच छोड़ते हुए कहा कि मैं इस केस की सुनवाई नहीं करना चाहता। हालांकि उन्होंने इस कारण पूरा उल्लेख नहीं किया है।

बता दें कि अनिरूद्ध बोस द्वारा खुद इस बेंच से अलग करने के बाद जस्टिस विनीत सरन की अध्यक्षता वाली पीठ आज ममता बनर्जी की याचिका पर सुनवाई करेगी। गौरतलब है कि इससे पहले जस्टिस इंदिरा बनर्जी, जो कोलकाता की रहने वाली हैं, ने बंगाल में चुनाव बाद हुए हिंसा के मामलों की सुनवाई करने वाली याचिका की सुनवाई कर रहे बेंच से खुद को अलग कर लिया था।

एफिडेविड देकर बयान देना चाहते है ममता बनर्जी और राज्य के कानून मंत्री

दरअसल, सुप्रीम कोर्ट को पश्चिम बंगाल की चीफ मिनिस्टर ममता बनर्जी ने बताया है कि कोलकाता हाईकोर्ट नारदा केस में उनके एफिडेविट को रिकार्ड में लाने के लिए इनकार कर रहा है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कानून मंत्री मलय घटक चाहते हैं कि उनका भी एफिडेविट के माध्यम से बयान दर्ज किया जाये, जिस मामले को आधार बनाकर सीबीआई नारदा केस को राज्य के बाहर ले जाने की अपील की है।

क्या है नारदा केस

नारदा केस एक स्टिंग आपरेशन है जिसमें टीएमसी के कई नेता कैमरा के सामने घूस लेते हुए दिखे हैं। इस मामले में 17 मई को चार टीएमसी नेताओं की गिरफ्तारियां हुई थीं।

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