क्रोध, जिसके आते ही इंसान तैश में आ जाता है और उसके बाद उसके मुंह से जाने अनजाने वो निकल जाता है जो उसका ना जाने कितना नुकसान कर देता है। कहते है की क्रोध एक ऐसी आग है जो सब कुछ जलाकर भस्म कर देती है।
आम तौर पर कई लोग ऐसे आपको दिखाई दे जाएंगे जो क्रोध और आवेश में आकर सभी सीमाओं को लांघ जाते है। ऐसे में कई रिश्तें तो जीवन में क्रोध की अग्नि की भेंट ही चढ़ जाते है।
अगर आप गौर करे तो पाएंगे की कई परिवार और रिश्तें इसी क्रोध के चलते खत्म हो जाते है। दिखाई तो देता की दो लोग साथ है लेकिन वो सिर्फ रिश्तों को निभा रहे होते है बस दिखावे के लिए ! बाकी मन से वो एक दूसरे के साथ नहीं होते है।
क्रोध अगर जीवन में है तो वो किसी के प्रेम के समझने नहीं देगा ! लोगों का भरोसा उठ जाता है। सोचिए की आप बार बार किसी को डांट रहे है तो एक दिन ऐसा आएगा की वो मर्यादा को भूलकर विद्रोही बन जाएगा।
कई लोगों को यह अंदाजा ही नहीं होता है की गुस्सा कब उनका स्वभाव बन गया। ऐसे लोगों से लोग कन्नी काटने लगते है। बार बार अगर आप किसी के काम में कमी निकालने लगते है तो वो धीरे धीरे आपसे दुरी बना लेता है और आपको पता ही नहीं चलता की कब वो आपसे नफरत करने लग गया।
आम तौर पर लोग सोचते है की क्रोध पर काबू पाना इतना आसान तो नहीं होता है। लेकिन अगर भगवान श्रीकृष्ण के जीवन से कुछ सीखा जाए तो वो आपको समझाते है की कैसे मनुष्य अपने क्रोध पर काबू कर सकता है।
महाभारत में एक प्रसंग है जिसमें युधिष्ठिर की सभा में शिशुपाल श्री कृष्ण का अपमान कर रहा होता है लेकिन वो सिर्फ मुस्कुराते रहते है। भीम और बलराम जैसे लोग उस पर क्रोध करते रहे लेकिन उसके बाद भी कृष्ण को क्रोध नहीं आया।
लेकिन जब उसने मर्यादा पार कर दी और 100 गालियां उसने पूरी कर दी तो कृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र से उसे मार दिया लेकिन उस वक्त भी वो मुस्कुरा रहे थे। इसलिए ये बात आप समझिए की क्रोध किसी भी चीज का हल नहीं है।
अगर आपको लगता है की आपका क्रोध पर काबू नहीं है तो आप मैडिटेशन करिए और योग को अपने जीवन में शामिल करिए। इससे आपके जीवन में एक अलग अहसास होगा और आप क्रोध पर काबू करना सीख जाएंगे।