देश में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए केंद्र सरकार सतर्क हो गई है। देश में कोरोना का आंकड़ा 91 लाख के पार हो गया है। कुछ राज्यों में कोरोना वायरस के मामले फिर से बढ़ रहे हैं। ऐसे में पीएम मोदी कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित 8 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक कर रहे हैं।
इनमें दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और राजस्थान शामिल है। बैठक में गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद है। पीएम मोदी ने कोरोना की वर्तमान स्थिति की समीक्षा और वैक्सीन की रणनीति को लेकर मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के अन्य प्रतिनिधियों संग डिजिटल माध्यम से बैठक की।
बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि यूरोप और अमेरिका में कोरोना के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ रहे हैं। भारत में भी रोजाना आ रहे केस में इजाफा हुआ है। लिहाजा हमें भी नियमों को लेकर सावधानी बरतनी है।
सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क का हमेशा ध्यान रखना है। अमित शाह के बाद स्वास्थ्य सचिव ने आगामी दिनों की जानकारी देते हुए कहा कि दिल्ली, केरल, महाराष्ट्र और राजस्थान को विशेष सावधानी बरतनी पड़ेगी।
आप को बता दे कि इस मीटिंग में छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल भी शामिल हैं। सीएमओ छत्तीसगढ़ के ट्विटर अकाउंट से ये तस्वीरें शेयर की गई हैं।
इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री श्री टी.एस. सिंहदेव, गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू, मुख्य सचिव श्री आर.पी.मण्डल, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव श्री सुब्रत साहू, अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणू पिल्ले, पुलिस महानिदेशक श्री डी. एम. अवस्थी सहित वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
— CMO Chhattisgarh (@ChhattisgarhCMO) November 24, 2020
इस मीटिंग में पीएम मोदी ने हरियाणा के सीएम से कोरोना के आंकड़ों से ज्यादा इसके खिलाफ उठाए गए कदमों के बारे में बताने को कहा। पीएम ने कहा- ‘हमें नंबर ना बताइए। कोरोना के खिलाफ राज्य सरकार ने क्या स्टेप लिए हैं, उसके बारे में जानकारी दीजिए।’
पश्चिम बंगाल की सीएम बनर्जी ने बैठक में कहा कि बंगाल में कोरोना मरीजों का इलाज ठीक चल रहा है। उन्होंने पीएम से GST का बकाया पैसा राज्यों को जारी करने की मांग की।
आप को बता दे कि इस बैठक का दो मुख्य एजेंडा है। पहला, कोविड के बढ़ते केस को लेकर राज्य अपनी ओर से क्या प्रयास कर रहे हैं। केस के रोकथाम के लिए किस तरह से प्रयास किया जा रहा, इसको लेकर समीक्षा होगी।
दूसरा एजेंडा वैक्सीनेशन को लेकर है। अगले साल की शुरुआत में टीका आने की उम्मीद है। ऐसे में उसको कैसे जल्द से जल्द ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जाए, टीका को स्टोर करने के लिए राज्यों के पास क्या संसाधन हैं, और किस तरह से टीकाकरण किया जाएगा, इस मुद्दे पर बातचीत होगी।