जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में नवंबर 2020 में पीएम मोदी ने स्वामी विवेकानंद की प्रतिमा का अनावरण किया था। उस समय प्रधानमंत्री ने जेएनयू के छात्रों को राष्ट्रवाद का पाठ पढ़ाया था, जिसके बाद जेएनयू प्रशासन ने हर साल विवेकानंद की जयंती पर युवा महोत्सव आयोजित करने का निर्णय लिया था।
राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने मंगलवार को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों को संबोधित किया। डोभाल जेएनयू में स्वामी विवेकानंद की 158वी जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में शिरकत कर रहे थे।
इस मौके पर अजीत डोभाल ने स्वामी विवेकानंद के जीवन के उदाहरण देकर जेएनयू के छात्रों को राष्ट्र निर्माण के लिए प्रेरित किया। आप को बता दे कि डोभाल पहले भी जेएनयू के कार्यक्रमों में शिरकत कर चुके हैं।
ऐसे समय पर राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का जेएनयू के कार्यक्रम में शामिल होने को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है जबकि हाल में तमाम विवादों के बीच खुद केन्द्र सरकार के कुछ मंत्रियों ने जेएनयू को बंद कर देने तक की मांग कर दी थी।
अपने संबंधोन की शुरुआत में ही डोभाल ने कहा कि उन्हें इस बात की खुशी है कि केन्द्र सरकार के दो वरिष्ठतम मंत्री डॉ एस जयशंकर और निर्मला सीतारमन जेएनयू के प्रोडक्ट हैं।
डोभाल ने खास तौर पर अपने संबोधन में जेएनयू के छात्रों से सबसे महत्वपूर्ण बात ये कही कि अगर आप सभी युवा छात्र अपनी उर्जा को राष्ट्र निर्माण के एक लक्ष्य पर लगा दें तो आपकी पीढ़ी भारत को ऐसा परिवर्तन दे सकती है जैसा पहले कभी नहीं हुआ।
अजीत डोभाल की जेएनयू के छात्रों से कही इस बात के खास मायने हैं। वो भी ऐसे वक्त में जब जेएनयू के कुछ छात्रों और छात्र संगठनों को लेकर काफी विवाद रहा है। डोभाल ने अपने संबोधन में ये भी कहा कि भारत एक बड़ी छलांग लगाने के विए द्वार पर खड़ा है जिसमें भारत के तकरीबन 35 साल से भी कम उम्र के युवा बड़ी भूमिका निभा सकते हैं।