मोदी सरकार के तीन नए कृषि कानूनों का विरोध जारी है। पंजाब-हरियाणा के किसानों ने साफ कर दिया है कि जब तक सरकार ये कानून वापस नहीं लेती, वो दिल्ली से लगती सीमाओं पर डटे रहेंगे।
वहीं दूसरी ओर सरकार की ओर से कई बार कहा जा चुका है कि ये कानून अब वापस नहीं होने वाला है। जिसको देखते हुए किसान अब गणतंत्र दिवस पर बडे़ आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए बाकायदा वॉलंटियर्स को भर्ती भी किया जा रहा है।
सूत्रों के मुताबिक किसान संगठन 26 जनवरी को बड़ा आंदोलन करना चाहते हैं, ताकी सरकार पर दबाव बने। मामले में कीर्ति किसान यूनियन पंजाब के उपाध्यक्ष राजिंदर सिंह ने कहा कि उनकी टीम ने शुक्रवार से वॉलंटियर्स की भर्ती शुरू कर दी है। पूरे राज्य में इसे अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है। वो उन लोगों का रिकॉर्ड तैयार कर रहे हैं, जो 26 जनवरी को सिंघु बॉर्डर पर चलने को तैयार हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि ये संख्या लाखों में हो सकती है, क्योंकि ग्रामीण स्तर पर भी वो लोगों से संपर्क कर रहे हैं। इसके अलावा पंचायतों के साथ भी बैठकें की जा रही हैं।
वहीं किसान कीर्ति संघ की ओर से चलाए गए अभियान में पहले दिन 3500 से ज्यादा लोगों ने हस्ताक्षर किए। जिसमें से अधिकांश की उम्र 18-25 साल के बीच है। संघ ने उम्मीद जताई कि लोहड़ी और मकर संक्रांति के बाद अभियान से जुड़ने वाले लोगों की संख्या और बढ़ेगी। पिछले हफ्ते मुख्य किसानों ने पूर्वी और पश्चिमी पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर एक ट्रैक्टर मार्च निकाला था।