रिपोर्ट: सत्यम दुबे
लखनऊ: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने भारतीय पुलिस सेवा IPS यूपी कैडर के तीन अधिकारियों को रिटायर होने से पहले ही उन्हे रिटायर कर दिया। इन तीनों अधिकारियों में सरकार द्वारा सेवानिवृत्त किये गये 1992 बैच के IPS अधिकारी अमिताभ ठाकुर ने मंगलवार को सोशल मीडिया पर उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जारी आदेश की प्रति साझा करते हुए जानकारी दी।
अमिताभ ठाकुर ने सोशल मीडिया पर जो जानकारी साझा की थी,उसके अनुसार यूपी शासन के अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी के आदेश के मुताबिक गृह मंत्रालय, भारत सरकार के 17 मार्च के आदेश के द्वारा 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर को ”लोकहित” में सेवा में बनाये रखने के उपयुक्त नहीं पाते हुए तत्काल प्रभाव से सेवा पूर्ण होने से पहले सेवानिवृत्त किये जाने का निर्णय लिया गया है।
“अमिताभ ठाकुर को लोकहित में सेवा में बनाये रखे जाने के उपयुक्त न पाते हुए लोकहित में तात्कालिक प्रभाव से सेवा पूर्ण होने से पूर्व सेवानिवृत किये जाने का निर्णय लिया गया है.” pic.twitter.com/nkPFTBIuvk
— AmitabhThakur (@Amitabhthakur) March 23, 2021
जिसके बाद अमिताभ ठाकुर ने ट्वीट करते हुए कहा कि, ”मुझे अभी-अभी लोकहित में सेवानिवृत्ति का आदेश प्राप्त हुआ, सरकार को अब मेरी सेवाएं नहीं चाहिए, जय हिंद।” आपको बता दें कि अमिताभ ठाकुर समय-समय पर सरकार के फैसलों की आलोचना करते रहे हैं।
मुझे अभी-अभी VRS (लोकहित में सेवानिवृति) आदेश प्राप्त हुआ. सरकार को अब मेरी सेवाएँ नहीं चाहिये. जय हिन्द !
— AmitabhThakur (@Amitabhthakur) March 23, 2021
सोमवार को ठाकुर ने एक और ट्वीट करते हुए कहा था कि “मुझे साथियों ने लखनऊ पुलिस की एक महिला अफसर की दबंग घूसखोरी की कई र्चिचत कहानियां सुनाई हैं। लगता है इस शाविका ने ”मिशन शक्ति” का गलत अर्थ समझ लिया है।”
मुझे साथियों ने लखनऊ पुलिस की एक महिला अफसर की दबंग घूसखोरी की कई चर्चित कहानियाँ सुनाई हैं. लगता है कि इस शाविका ने “मिशन शक्ति” का गलत अर्थ समझ लिया है.
— AmitabhThakur (@Amitabhthakur) March 22, 2021
आपको बता दें कि इससे पहले अमिताभ ठाकुर ने 23 नवंबर, 2016 को गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर अपना कैडर बदलने की मांग करते हुए आरोप लगाया था कि उत्तर प्रदेश सरकार के अधिकारी उनके साथ कट्टर शत्रु जैसा व्यवहार कर रहे हैं। जबकि यह दूसरी बार था जब अमिताभ ठाकुर ने इस संबंध में केंद्र को लिखा। उन्होंने इससे पहले भी अपनी जान को खतरा बताते हुए कैडर बदलने के लिए मंत्रालय को एक आवेदन भेजा था।
साल 2017 में केंद्र सरकार ने ठाकुर के कैडर बदलने के अनुरोध को ठुकरा दिया था। इससे पहले अमिताभ ठाकुर को 13 जुलाई 2015 को अखिलेश सरकार ने उस वक्त निलंबित कर दिया था, जब उनपर सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव पर धमकी देने का आरोप लगा था। इसके बाद राज्य सरकार ने उनके खिलाफ सतर्कता जांच शुरू की थी।
आपको बता दें कि अप्रैल में केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण की लखनऊ पीठ ने ठाकुर के निलंबन को रोक दिया और 11 अक्टूबर, 2015 से पूरे वेतन के साथ उनकी बहाली का आदेश दिया। ठाकुर को 17 मई, 2018 को संयुक्त निदेशक नागरिक सुरक्षा के रूप में तैनात किया गया था। अपर मुख्य सचिव गृह अवनीश कुमार अवस्थी ने इस सूचना की पुष्टि की है।
अमिताभ ठाकुर, आईपीएस (जबरिया रिटायर्ड) pic.twitter.com/54gfQTrjeY
— AmitabhThakur (@Amitabhthakur) March 25, 2021
सरकार के तत्काल प्रभाव से सेवा निवृत्त करने के बाद उन्होने सोशल मीडिया पर एक और पोस्ट किया है। इसमें उन्होने अपने घर के बाहर लगे बोर्ड पर अमिताभ ठाकुर (आईपीएस) ‘जबरिया रिटायर’ लिखा है। जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।