गुजरात में समान नागरिक संहिता (UCC) को लागू करने की दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं। गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने हाल ही में घोषणा की कि राज्य में यूसीसी का मसौदा तैयार करने के लिए एक पांच सदस्यीय समिति गठित की गई है। इस समिति की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना देसाई करेंगी।
गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि समान नागरिक संहिता का उद्देश्य सभी नागरिकों को समान अधिकार और अवसर प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में समान नागरिक संहिता को लागू करने की दिशा में उठाया गया है। प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले साल अपने स्वतंत्रता दिवस के भाषण में धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता की बात की थी, जिसे अब विभिन्न राज्यों में लागू किया जा रहा है।
#WATCH | Gujarat CM Bhupendra Patel says, "To prepare the draft for Uniform Civil Code (UCC) and make the law, a 5-member committee under the chairmanship of retired Supreme Court judge Ranjana Desai has been constituted. The committee will submit its report to the state… pic.twitter.com/UbVRSL1lfx
— ANI (@ANI) February 4, 2025
यूसीसी समिति का गठन: सदस्य और कार्य
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने जानकारी दी कि समिति में सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति रंजना देसाई के साथ वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सीएल मीना, अधिवक्ता आरसी कोडेकर, पूर्व कुलपति दक्षेश ठाकर और सामाजिक कार्यकर्ता गीता श्रॉफ भी शामिल होंगे। यह समिति 45 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।
गुजरात के गृह मंत्री हर्ष संघवी ने कहा कि समान नागरिक संहिता संविधान की वह भावना है जो समरसता और समानता स्थापित करेगी। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि यह समिति गुजरात के सभी नागरिकों को समान अधिकार देने के उद्देश्य से बनाई गई है, ताकि राज्य में हर नागरिक को एक समान दर्जा प्राप्त हो।
उत्तराखंड ने की थी शुरुआत
उत्तराखंड ने हाल ही में समान नागरिक संहिता को लागू करने वाला पहला राज्य बनने का गौरव प्राप्त किया था। इसके बाद अब गुजरात भी इस दिशा में सक्रिय रूप से कदम बढ़ा रहा है।