रिपोर्ट: सत्यम दुबे
गोरखपुर: उत्तर प्रदेश में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न हुए काफी दिन बीच चुके हैं। लेकिन हाल ही में संपन्न हुए उप-चुनाव के घोषित हुए परिणाम के बाद गोरखपुर में नवनिर्वाचित ग्राम पंचायतों के गठन की अधिसूचना जारी कर दी है। इससे जिले की 432 ग्राम पंचायतों में गठन एवं 433 ग्राम प्रधानों के शपथ ग्रहण का रास्ता साफ हो गया है।
जारी अधिसूचना के अनुसार 17 जून को ग्राम पंचायतों को संगठित करने की अधिसूचना डीएम के विजयेंद्र पांडियन जारी करेंगे। 18 से 19 जून तक ग्राम प्रधान एवं ग्राम पंचायत सदस्य वीडियो कांफ्रेसिंग एवं वर्चुअल माध्यम से शपथ ग्रहण की प्रक्रिया पूरी करेंगे। 20 जून को नवगठित ग्राम पंचायतों की पहली बैठक में कार्य संचालन के लिए छह समितियों का गठन किया जाएगा।
आपको बता दें कि जिले की 1294 ग्राम पंचायतों में पिछले दिनों 861 में ग्राम प्रधानों को शपथ दिला ग्राम पंचायतों का गठन कर पहली बैठक की प्रक्रिया पूरी करा ली गई थी। बाकी ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायतों का दो तिहाई कोरम न पूरा होने के अभाव में गठन नहीं हो सका था। उप चुनाव के बाद अब गठन की अधिसूचना जारी हो गई है।
आपको बता दें कि 20 जून को नये गठित ग्राम पंचायतों की पहली बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें छह समितियां गठित होंगी। इसमें ग्राम प्रधान नियोजन एवं विकास समिति, प्रशासनिक समिति और शिक्षा समिति का सभापति होगा। इसके अलावा निर्माण कार्य समिति, स्वास्थ्य एवं कल्याण समिति और जल प्रबंधन समिति के सभापति का चुनाव ग्राम पंचायत सदस्यों द्वारा अपने में से ही किया जाएगा।
इसमें सभी समितियों में सभापति के अलावा 6 सदस्य होंगे। इनमें एक महिला व एक अनुसूचित जाति और एक पिछड़े वर्ग का सदस्य होगा। हर महीने समिति की बैठक करना अनिवार्य है। 4 सदस्य मौजूद होने से बैठक का कोरम पूरा होगा।
प्रशासनिक समिति: ग्राम पंचायतों में कार्यरत कार्मिकों व राशन की दुकानों से संबंधित कार्य।
नियोजन एवं विकास समिति : ग्राम पंचायत की योजना तैयार करना कृषि पशुपालन और गरीबी उन्मूलन कार्यक्रमों का कार्यान्वयन।
शिक्षा समिति: प्राथमिक, उच्च प्राथमिक, अनौपचारिक शिक्षा व साक्षरता से संबंधित योजनाएं लागू कराना।
निर्माण कार्य समिति: समस्त स्थायी व अस्थायी निर्माण और मरम्मत कार्य।
स्वास्थ एवं कल्याण समिति: चिकित्सा स्वास्थ्य व परिवार कल्याण संबंधित कार्य।
जल प्रबंधन समिति: नलकूपों का संचालन व रखरखाव एवं पेयजल व्यवस्था।