नई दिल्ली : 21 साल की गीतांजलि की शादी सालभर पहले ही महाराष्ट्र के बारामति के सांगवी गांव में हुई थी। 24 मई को शादी की सालगिरह थी। ससुराल वालों ने पहले इस सालगिरह को पहले धूमधाम से केक काटकर मनाया, फिर गीतांजलि से मारपीट की और जबरन उसे जहर खिलाकर मौत के घाट उतार दिया। जब इस घटना की जानकारी मायके वालों को मिली तो उन्होंने ससुराल के आंगन में ही अपनी बेटी का अंतिम संस्कार कर दिया।
मायके वालों ने आरोप लगाया है कि ससुराल वाले अक्सर उनकी बेटी पर दहेज लाने का दबाव बना रहे थे, लेकिन जब दहेज नहीं मिल सका तो उनकी बेटी को जहर देकर मार डाला। इस मामले में बारामती तालुका पुलिस थाने में केस दर्ज कर लिया गया है।
जानकारी के मुताबिक, 21 साल की गीतांजलि की शादी सालभर पहले ही सांगवी गांव के अभिषेक तावरे से हुई थी। 24 मई को ही दोनों की शादी की पहली सालगिरह थी। उसके कुछ दिन बाद पति ने गीतांजलि के रिश्तेदारों को फोन कर जानकारी दी कि उसने जहर खा लिया है। गीतांजलि को तत्काल बारामती के निजी अस्पताल में इलाज के लिए दाखिल किया गया पर आगे की जांच के लिए उसे पुणे में एक अस्पताल में भर्ती कराया गया। गुरुवार सुबह 8 बजे के करीब इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
गीतांजलि की चाची नमिदा यादव ने ससुराल वालों पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि, शादी में गीतांजलि को 51 तोला सोने के गहने देने की मांग ससुराल वालों ने की थी। घर के हालात अच्छे ना होने की वजह से ससुराल वालों की इस मांग को पूरा नहीं कर सके। शादी के कुछ दिन बाद से ही गीतांजलि के सास और ससुर ने मायके से सोने के गहने और कपड़े लाने के लिए ताने मारने शुरू कर दिए। हालात खराब होने के बावजूद मायके वालों ने अब तक 25 तोला सोना दे दिया था। फिर भी ससुराल वालों का मन नहीं भरा था।
उन्होंने आगे बताया कि सोना लाने के लिए गीतांजलि के साथ बार-बार मारपीट भी की जाती थी। जिससे नाराज होकर गीतांजलि कुछ दिनों के लिए मायके भी चली गई थी, पर रिश्तेदारों ने उसे समझा-बुझाकर वापस ले गये। दो दिन पहले उनकी शादी की सालगिरह थी। उन्होंने आरोप लगाया कि केक काटकर सालगिरह मनाने के बाद गीतांजलि को उसके पति, सास-ससुर और ननद ने मारपीट की और उसे जहर देकर मारा।
आपको बता दें कि गुरुवार सुबह इलाज के दौरान गीतांजलि की मौत हो गई। शुक्रवार को पुणे के ससून अस्पताल में उसके शव को पोस्टमार्टम करके सांगवी गांव में लाया गया तो गुस्साए रिश्तेदारों ने घर के आंगन में ही उसका अंतिम संस्कार कर दिया। इससे गांव में तनाव बढ़ गया। इसे लेकर वहां 100 से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए।