नई दिल्ली : अफगानिस्तान में काबुल एयरपोर्ट पर हुए आत्मघाती हमले का जिम्मेवार अफगानिस्तानी उपराष्ट्रपति अमरूल्लाह सालेह ने तालिबान और पाकिस्तान को ठहराया है। सालेह ने कहा कि हमारे पास जितने भी साक्ष्य हैं, उससे पता चलता है कि आईएसआईएस के लड़ाकुओं की जड़ें तालिबान और हक्कानी नेटवर्क से खासतौर पर जुड़ी हुई हैं। जिसमे कही न कहीं पाकिस्तान का भी हाथ है।
तालिबान ने पाकिस्तान से बहुत कुछ सीखा
सालेह ने ट्वीट करके कहा कि, ‘हमारे पास अभी जो भी साक्ष्य हैं, उनसे पता चलता है कि आईएस-के सदस्यों की जड़ें तालिबान और खासतौर पर हक्कानी नेटवर्क से जुड़ी हुई हैं जो अभी काबुल में सक्रिय है। तालिबानी आईएसआईएस के साथ अपने संबंधों को खारिज करते हैं लेकिन यह कुछ उसी तरीके से है जैसे पाकिस्तान तालिबान के क्वेटा शूरा से करता है। तालिबान ने अपने स्वामी (पाकिस्तान) से बहुत कुछ सीख लिया है।’
Every evidence we have in hand shows that IS-K cells have their roots in Talibs & Haqqani network particularly the ones operating in Kabul. Talibs denying links with ISIS is identical/similar to denial of Pak on Quetta Shura. Talibs hv leanred vry well from the master. #Kabul
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) August 27, 2021
मात्र 5 मीटर की दूरी से अमेरिकी सैनिकों पर हमला
आपको बता दे कि सालेह का यह बयान ऐसे समय पर आया है जब आतंकी गुट आईएसआईएस के ने आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली है। आईएस ने कहा कि इस हमले को उसके हमलावर अब्दुल रहमान अल लोगारी ने अंजाम दिया था। आईएस ने लोगारी की तस्वीर भी जारी की है। इस भीषण हमले में अब तक 90 लोग मारे गए हैं और 150 से ज्यादा लोग घायल हो गए हैं। मारे गए लोगों में 13 अमेरिकी सैनिक भी हैं। वहीं कई अमेरिकी सैनिक घायल भी हुए हैं।
टेलिग्राम पर इस्लामिक स्टेट खोरासन आतंकी गुट ने एक बयान जारी करके बताया कि यह हमला मात्र 5 मीटर की दूरी से अमेरिकी सैनिकों पर किया गया जो उस समय अफगान शरणार्थियों के दस्तावेज बना रहे थे। इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने ऐलान किया है कि हम आतंकियों को माफ नहीं करेंगे, उन्हें ढूंढेंगे और इसकी सजा देंगे। काबुल के हमलावरों को चेतावनी देते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि, ‘हम माफ नहीं करेंगे। हम नहीं भूलेंगे। हम आपको ढूंढेंगे, मारेंगे और आपके किए की सजा देंगे।’ राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा कि, ‘हम अफगानिस्तान से अमेरिकी नागरिकों को बचाएंगे। हम अपने अफगान सहयोगियों को बाहर निकालेंगे और हमारा मिशन जारी रहेगा।’