रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: आचार्य चाणक्य का नाम आते ही लोगो में विद्वता आनी शुरु हो जाती है। आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति और विद्वाता से चंद्रगुप्त मौर्य को राजगद्दी पर बैठा दिया था। इस विद्वान ने राजनीति,अर्थनीति,कृषि,समाजनीति आदि ग्रंथो की रचना की थी। जिसके बाद दुनिया ने इन विषयों को पहली बार देखा है। आज हम आचार्य चाणक्य के नीतिशास्त्र के उस नीति की बात करेंगे, जिसमें उन्होने बताया है कि संकट पर विजय हासिल करने के लिए आपको करने चाहिए ये उपाय। कोरोना महामारी से लड़ने में आचार्य चाणक्य की ये बातें अमल करें।
आचार्य चाणक्य ने अपनी नीति शास्त्र में बताया है कि व्यक्ति की प्रतिभा की परीक्षा संकट के समय ही होती है। जो व्यक्ति मुश्किल वक्त में हौसला नहीं खोता है और चुनौतियों से निपटने के लिए निरंतर संघर्ष करता है, वहीं व्यक्ति विजय प्राप्त करता है। आचार्य चाणक्य के अनुसार जब संकट बड़ा हो तो सभी को एकजुट हो जाना चाहिए। जो व्यक्ति किसी भी स्थितियों का सामना करने के लिए हर समय तैयार रहते हैं और सावधान की स्थिति में रहते हैं वे अवश्य सफल होते हैं। संकट की स्थिति में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, आइए जानते हैं।
आचार्य ने बाताया है कि किसी भी प्रकार का संकट हो, व्यक्ति को घबराना नहीं चाहिए। जो व्यक्ति संकट को देख बिना प्रयास किए ही घबरा जाते हैं वे जीवन में पराजित होते हैं। संकट से बाहर निकलने के लिए रास्ते खोजने चाहिए। अपनी प्रतिभा और ज्ञान का प्रयोग स्वयं और दूसरों को बचाने के लिए करना चाहिए।
उन्होने आगे बताया है कि जब संकट पूरे देश पर हो तो सभी को एकजुट हो जाना चाहिए। बड़े संकट को एकजुट होकर ही दूर किया जा सकता है। संकट के समय किसी भी सूरत में हौसला नहीं खोना चाहिए। संकट से लड़ने के लिए एक दूसरों को प्रोत्साहित करते रहे। जिस प्रकार से रात के बाद उजाला आता ही आता है उसी प्रकार से कितना ही बड़ा संकट हो, उसे जाना ही पड़ता है।