वैसे तो हम सब यह जानते है कि रावण एक असुर था और उसकी मृत्यु भगवान् राम के हाथों हुई थी और उसका कारण था रावण द्वारा माता सीता का अपहरण।
लेकिन क्या आप जानते है कि माता सीता के पूर्व जन्म में ही यह तय हो गया था कि रावण की मृत्यु का कारण वही बनेगी।
दरअसल अहंकारी रावण ने ब्रह्मा और शिव जी से खूब वरदान प्राप्त किये जिसके बाद वो और भोगी हो गया था।
एक बार घूमते हुए उसने एक कन्या को जिसका नाम वेदवती था तप करते हुए देखा।
उसको देखने के बाद रावण उसके ऊपर मोहित हो गया और उसका परिचय पूछा।
कन्या ने अपना परिचय देते हुए रावण से कहा कि हे राक्षस राज मेरा नाम वेदवती है और सबके स्वामी विष्णु को पति रूप में पाने के लिए मैं तप कर रही हूँ।
लेकिन रावण उसे भोगना चाहता था इसलिए उसने गुस्से में उसके बाल पकड़े और उसे अपने साथ ले जाने की कोशिश करने लगा।
उसके बाल रावण के हाथ में आ गए और वेदवती रावण को यह श्राप देते हुए की मैं ही तुम्हारी मौत का कारण बनूंगी, अग्नि में समा गयी।
यही कारण था की खुद विष्णु को राम के रूप में अवतार लेकर वेदवती की इच्छा पूरी करनी पड़ी और उनसे विवाह किया। वही सीता रावण की मृत्यु का कारण भी बनी।