रिपोर्ट :नंदनी तोदी
कोद्वार : देश में जहां एक तरफ कोरोना महामारी के दौरान डॉक्टरों को देवता समान माना जा रहा है, वहीं एक ऐसी खबर सामने आई जिसके बाद कही ना कही डॉक्टरों से भरोसा भी उठ सकता है।
दरअसल, ये मामला कोटद्वार के एक अस्पताल का है, जहां, 72 साल की बुजुर्ग महिला को भर्ती कराया गया था। भर्ती कराने से पहले डॉक्टर ने परिजनों को भरोसा भी दिया था कि ऑपरेशन सक्सेसफुल होगा और कहा था कि मरीज को कोई दूसरी दिक्कत नहीं होगी। यहां रक कि, ऑपरेशन के मृतका का ब्लड प्रेशर से लेकर सभी जांचें हुई जो नॉर्मल थीं, लेकिन ऑपरेशन थियेटर में जाने के कुछ देर बाद ही महिला की मौत हो गई।
मिली जानकारी के अनुसार, बीती रात करीब 9 बजे देवीरोड स्थित एक प्राईवेट हॉस्पिटल में सिम्मलचैड निवासी 72 साल की धनमति देवी का पित्त की थैली में पथरी का ऑपरेशन चल रहा था। और उसी दौरान धनमति देवी की मौत हो गई। जिसके बाद परिजनों ने ऑपरेशन कर रहे डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल के परिसर में हंगामा शुरू कर दिया। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को शांत कराया और मृतका के पुत्र संतोष कुमार की तहरीर पर मुकदमा दर्ज किया।
मृतका के पुत्र संतोष कुमार ने आरोप लगाया कि उसकी मां की अल्ट्रासाउण्ड रिपोर्ट में पित्त की थैली में 5 एमएम की पथरी के जानकारी उसे दी गई थी। जिसके बाद उसे देवी मंदिर स्थित एक प्राईवेट अस्पताल में ले गया। जहां डॉक्टरों ने ऑपरेशन की बात कही। यहां तक कि डॉक्टरों ने मृतका के पुत्र को ये भी कहा दिया कि ऑपरेशन 100 प्रतिशत सफल होगा। पुत्र के राज़ी हो जाने के बाद, डॉक्टर, महिला को शाम करीब 6 बजे ऑपरेशन थियेटर में ले गये।
जिसके कुछ देर बाद ही डॉक्टर ने उन्हें बताया कि मरीज की ऑपरेशन के दौरान हार्ट अटैक से मौत ताह हो गई है। एसएसआई प्रदीप नेगी ने बताया कि महिला की थैली में पथरी थी। जिनका उपचार डॉ. सीके जखमोला (रिटायर मेजर जनरल) कर रहे थे। और बताया कि धनमति देवी उनकी नियमित पेशेंट थीं।