हिंदू कैलेंडर का दूसरा महीना वैशाख शुरू हो गया है। आज ही भगवान सूर्य नारायण भी मेष राशि में आ गए है जो की उनकी उच्च राशि है। इससे खरमास खत्म हो जाएगा।
अगर इस माह की बात करे तो इस महीने में पूर्णिमा तिथि पर विशाखा नक्षत्र होता है और इसका बड़ा महत्त्व है। शास्त्रों में एक श्लोक है जो की निम्नलिखित है –
न माधवसमो मासो न कृतेन युगं समम्। न च वेदसमं शास्त्रं न तीर्थं गंगया समम्।।
इसका अर्थ यह है कि वैशाख के समान कोई मास नहीं है, सत्ययुग के समान कोई युग नहीं है, वेद के समान कोई शास्त्र नहीं है और गंगाजी के समान कोई तीर्थ नहीं है। अगले 7 मई तक यह माह रहने वाला है और इस माह का बड़ा महत्व बताया गया है।
महाभारत और स्कंद पुराण में लिखा गया है कि यह माह स्वयं भगवान विष्णु को अति प्रिय है और इस माह में पूजा पाठ और आराधना करने से मनुष्य को मोक्ष प्राप्त होता है।
जो व्यक्ति वैशाख मास में सूर्योदय से पहले स्नान करता है और उसके बाद मंदिर जाकर भगवान की परिक्रमा करता है तो उसके ऊपर भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती हैं।
इसके अलावा इस माह में दान का भी बड़ा महत्व बताया गया है। आप अपनी इच्छा अनुसार जो भी दान से सकते है दीजिये क्यूंकि इस माह में दान देने से कई गुना फल प्राप्त होता है।