Uttrakhand News: आज उत्तराखंड में घी संक्रांति का त्योहार मनाया जा रहा है, यह घी संक्रांति का त्योहार पूर्ण रुप से गायों और भैंसों के दूध से बने घी को समर्पित होता है। इस त्योहार को उत्तराखंड की संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है।
इस दिन लोग अपने घरों में घी का दीपक जलाते हैं और भगवान की पूजा करते हैं।यह त्योहार पूर्ण रुप से उत्तराखंड की प्रकृति और संस्कृति को दर्शाता है।
इस दिन लोग अपने घरों व अपने खेतों में घी का दीपक जलाते हैं और अपने अराध्य से फसलों की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करते हैं। इस घी त्योहार का उद्देश्य फसलों की सुरक्षा और समृद्धि के लिए प्रार्थना करना है। इस त्योहार में उत्तराखंड की संस्कृति और परंपरा की एक खास झलक नजर आती है।
यह त्योहार भादो की पहली तिथि को मनाए जाता है और ये त्यौहार उत्तराखंडवासियों के लिए काफी खास है। घी संक्रांति का त्योहार उत्तराखंड की प्रकृति से जुड़ा हुआ है और यहां के हर तीज त्यौहार प्रकृति से ही जुड़े हुए होते हैं।
उसमे एक त्योहार घी संक्रांति का भी एक त्यौहार है, जो पूर्ण रुप से किसानों, फसलों और पशुपालकों से जुड़ा हुआ है। घी त्योहार कृषि समृद्धि और फसलों, फलों, सब्जियों और दूध उत्पादों की प्रचुरता के लिए आभार व्यक्त करने के लिए ही मनाया जाता है।
आपको बता दें कि स्वतंत्रता दिवस के बाद अब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंडवासियों को घी त्योहार की सभी को बधाई दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि मैं ‘सभी प्रदेशवासियों को पावन लोकपर्व “घी संक्रांति” की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। यह लोकपर्व हमारी सांस्कृतिक विरासत का मजबूत स्तंभ है।
यह त्योहार हम सभी को प्रकृति और संस्कृति दोनों से जोडे रखने में मदद करता है। यह त्योहार हम सभी को विरासत में मिला है,और जिसे पीढ़ी दर पीढ़ी आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी हम सबकी है।
This post is written by PRIYA TOMAR