उत्तराखंड के दून विश्वविद्यालय ने एक अहम कदम उठाते हुए आगामी सत्र से हिंदू धर्म का अध्ययन शुरू करने का निर्णय लिया है। यह विश्वविद्यालय राज्य का पहला ऐसा विश्वविद्यालय बनेगा, जहां हिंदू स्टडीज के तहत एमए कोर्स शुरू किया जाएगा, जिसमें वेद, वेदांत के साथ-साथ विज्ञान भी पढ़ाया जाएगा। इस पाठ्यक्रम में छात्रों को हिंदू धर्म के साथ-साथ पुरातन विद्या, धर्म विज्ञान, हिंदू धर्म शास्त्र, और परंपराओं में गहरी जानकारी दी जाएगी।
पाठ्यक्रम में क्या होगा?
दून विश्वविद्यालय में एमए हिंदू स्टडीज के पाठ्यक्रम में विद्यार्थियों को रामायण, महाभारत, वेद, वेदांग, ज्ञान मीमांसा, भाषा विज्ञान, कालिदास, तुलसीदास, स्वामी विवेकानंद के जीवन सिद्धांतों के बारे में शिक्षा दी जाएगी। इसके अलावा हिंदू साहित्य, भूगोल, स्थापत्य कला, पुरातत्व, प्राचीन सैन्य विज्ञान, हिंदू केमेस्ट्री, कला, शास्त्रीय संगीत और नाटक की विधाओं का भी अध्ययन कराया जाएगा।
किसके बाद शुरू हुआ यह कोर्स?
दून विश्वविद्यालय का यह कदम बीएचयू (काशी हिंदू विश्वविद्यालय) और दिल्ली विश्वविद्यालय के बाद आया है, जहां पहले ही हिंदू स्टडीज में पोस्टग्रेजुएट और पीएचडी प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं। दून विश्वविद्यालय की ओर से यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत लिया गया है, जो भाषा, संस्कृति और पारंपरिक शिक्षा को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है।
दून विश्वविद्यालय में हिंदू अध्ययन विभाग की स्थापना उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्राथमिकता में है। मुख्यमंत्री धामी के प्रयासों से यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, और जल्द ही इस विभाग का संचालन शुरू होगा। इस कोर्स के तहत छात्रों को हिंदू धर्म के अध्ययन के अलावा, मैनेजमेंट स्टडीज, कंप्यूटर और वेब डिजाइनिंग जैसी आधुनिक विधाओं की शिक्षा भी दी जाएगी।
इस कोर्स को पूरा करने के बाद छात्र धर्म उपदेशक, हिंदू गाइड, प्रोफेसर, और आध्यात्मिक शोधकर्ता के रूप में करियर बना सकते हैं। इसके अलावा, विदेशों में भी इस क्षेत्र में अपार रोजगार की संभावनाएं हैं, जिससे छात्रों के लिए यह एक आकर्षक विकल्प बनता है।
इस पहल से न केवल राज्य में हिंदू धर्म का अध्ययन बढ़ेगा, बल्कि छात्रों को व्यापक अवसर भी मिलेंगे, जो उन्हें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन करने का मौका देंगे।