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शाहजहांपुर : मदरसे में पढ़ने गई थी 2 दो ना‍बालिग बहनें, 1 की मिली लाश, दूसरी की हालत गंभीर

By: Amit ranjan 
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शाहजहांपुर : मदरसे में पढ़ने गई थी 2 दो ना‍बालिग बहनें, 1 की मिली लाश, दूसरी की हालत गंभीर

नई दिल्ली : अक्सर किसी ना किसी कारण से सुर्खियों में रहने वाला मदरसा एक बार फिर सुर्खियों में है, जो चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल दो मासूम बच्चियां घर से बाहर मदरसे में पढ़ने को गई थी। लेकिन वो वापस नहीं लौटी। जिसे लेकर परिजनों ने आस-पास के इलाकों समेत अपने सगे-संबंधियों से भी पूछताछ की। मदरसे भी गए, लेकिन उन्हें अपनी बच्चियां नहीं मिली। और अंत में मिली भी तो एक की लाश और दूसरे की खून से लथपथ शरीर।

आपको बता दें कि ये पूरा मामला, उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर थाना कांट क्षेत्र की है। यहां सोमवार की दोपहर दो चचेरी बहनें मदरसे में पढ़ने गई थीं। दोनों की उम्र 4 साल और 7 साल बताई जा रही है। देर शाम तक दोनों बहनें वापस घर नही लौटीं। परिवार ने मदरसे से लेकर गांव और रिश्तेदारों में तलाश किया, लेकिन कुछ पता नहीं चल सका। सोमवार की देर रात खेत में 4 साल की बच्ची का शव पड़ा होने की सूचना मिली। पुलिस ने मौके पर पहुचकर बच्ची के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया और उसके बाद आलाधिकारियों को शव मिलने की सूचना दी।

इसके बाद पुलिस ने दूसरी बहन की भी तलाश शुरू कर दी। कड़ी मशक्कत के बाद वह खून से लथपथ हालत में खेत में पड़ी मिली, लेकिन उसकी सांसें चल रही थीं। पुलिस ने आनन-फानन में घायल बच्ची को मेडिकल कॉलेज उपचार के लिए भेजा। एसपी एस आनन्द समेत पुलिस के आलाधिकारियों ने घटना स्थल का निरीक्षण कर परिवार और आसपास के रहने वालों से जानकारी जुटाना शुरू कर दी। इस दौरान पुलिस ने कई लोगों को भी हिरासत में लिया

एसपी एस आनन्द ने बताया कि दो बहनें मदरसा जाने के बाद गायब हो गई थीं। एक बहन का शव मिला है, दूसरी बहन घायल हालत में मिली है। घायल बच्ची को उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज भेजा है। बच्ची के होश में आने के बाद कुछ साफ हो पाएगा, लेकिन इलाके के लोगों से जानकारी जुटाई जा रही है। कई लोगों को थाने लाकर पूछताछ की जा रही है। बहुत जल्द खुलासा किया जाएगा।

आपको बता दें कि इससे पहले भी मदरसा मौलाना के विवादित बयान और मदरसे में मौलाना के घिनौनी करतूत को लेकर सुर्खियों में रह चुका है। वहीं कोरोना महामारी के भी दौरान सरकार और प्रशासन के लिए परेशानी का सबब बनें तब्लिगी जमातियों को भी कई मदरसों से स्वास्थ हिरासत में लिया गया, जिसके बाद उन्हें इलाज के बाद छोड़ दिया गया। हालांकि कई बार मदरसों ने कई अच्छे मिसाल भी पेश किये है।

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