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राजस्थान कांग्रेस की बढ़ी मुश्किलें, गहलोत के खिलाफ मुखर हुए सचिन, दिखाए बगावती तेवर

जन संघर्ष यात्रा के आखिर में सचिन पायलट ने गहलोत सरकार को खुली चुनौती दे डाली। जयपुर के भांकरोटा में हुई जनसभा में उन्होंने अपनी तीन मांगें रखते हुए 15 दिन का समय दिया और कहा कि अगर ये मांगें इस महीने के अंदर पूरी नहीं हुई तो प्रदेश भर में आंदोलन करेंगे।

By RNI Hindi Desk 
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जयपुरः राजस्थान कांग्रेस में चल रहे सियासी बवाल के बीच आज नया मोड़ आ गया। जन संघर्ष यात्रा के आखिर में सचिन पायलट ने गहलोत सरकार को खुली चुनौती दे डाली। जयपुर के भांकरोटा में हुई जनसभा में उन्होंने अपनी तीन मांगें रखते हुए 15 दिन का समय दिया और कहा कि अगर ये मांगें इस महीने के अंदर पूरी नहीं हुई तो प्रदेश भर में आंदोलन करेंगे। पायलट ने यह भी कहा कि अब तक वो गांधीवादी तरीके के अपनी बात रख रहे थे लेकिन अब सरकार ने नहीं सुनी तो आंदोलन का रुख करेंगे। पायलट ने सभा के मंच से पहली मांग पेपर लीक मामले को लेकर राजस्थान लोक सेवा आयोग को भंग करने की रखी। उन्होंने आयोग के चेयरमैन और सदस्यों के नियुक्ति पर भी सवाल उठाया। दूसरी मांग अब तक की प्रतियोगी परीक्षाओं में गड़बड़ी से प्रभावित युवाओं को आर्थिक मुआवजा देने की रखी। उन्होंने कहा पेपर लीक से प्रभावित प्रत्‍येक नौजवान को उचित आर्थिक मुआवजा दिया जाना चाहिए। तीसरी मांग में उन्होंने पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार में हुए भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच की मांग रखी। सभा में उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर जमकर हमला किया। पायलट ने कहा कि हम बिना पद के गाली खा-खाकर संगठन के लिए काम कर रहे हैं और आप सत्ता में बैठकर मलाई खा रहे हो। इस दौरान पायलट ने हाई कमान पर भी इशारों-इशारों में हमला बोला। उन्होंने 2013 की याद दिलाते हुए कहा कि उस समय हमारे सिर्फ 21 विधायक रह गए थे। सोनिया गांधी ने बुलाकर कहा कि राजस्थान में पार्टी का बहुत बुरा हाल हो गया है, आप जाकर अध्यक्ष बनिए। हमने इन पांच सालों में वसुंधरा सरकार की नीतियों के आधार पर जमकर विरोध किया। लेकिन मुख्यमंत्री कौन बनेगा ये हाईकमान के हाथ में है। पायलट ने कहा कि मुख्यमंत्री गृह मंत्री, वित्त मंत्री भी हैं। मैने उनसे कई बार कहा कि बसुंधरा सरकार में हुए भ्रष्टाचार की जांच करवाइए। इस मांग को लेकर उन्होने अनशन भी रखा। मुझे लगा कि हमें जनता के बीच जाना चाहिए। भ्रष्टाचार समाज को दीमक की तरह खा रहा है। हम लोगों को करारा प्रहार करना पड़ेगा। हमें दुनिया को दिखाना पड़ेगा कि हम जो कहते हैं, वो करते हैं। पायलट यहीं नहीं रुके उन्होंने गहलौत पर निशाना साधते हुए कहा कि यह कहां की नीति है कि भाजपा के नेताओं का गुणगान करो और अपनी पार्टी के नेता को बदनाम करो। अब ये सब चलने वाला नहीं है। जो कुर्सी पर बैठता है, उसे न्याय करना पड़ेगा। अगर ऐसा नहीं होगा तो विरोधी तो सवाल पूछेंगे ही। पायलट ने कहा कि नौजवान के मन में अगर मायूसी आ गई तो देश का भविष्य बेहतर नहीं होगा। इसलिए यह यात्रा युवाओं के दिल में आग जलाने के लिए निकाली गई है। बता दें कि सचिन पायलट ने 11 मई को अजमेर सिटी से जनसंघर्ष यात्रा शुरू की थी। पांच दिन में 125 किलोमीटर की दूरी तय करके यह यात्रा जयपुर पहुंची।

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