संगठन ने कहा है कि भारत ने व्यापार को बढ़ावा देने के लिए कई तरह के कदम उठाए हैं। इसके लिए आयात एवं निर्यात के लिए सीमाशुल्क से जुड़ी मंजूरी के साथ-साथ प्रक्रियाओं को सरल बनाने जैसी पहलों को गिनाया गया है। जिनेवा स्थित संगठन ने कहा है कि भारत ने 2015 के बाद इंडियन कस्टम्स इलेक्ट्रॉनिक गेटवे (ICEGATE), सिंगल विंडो इंटरफेस फॉर फेसिलिटेशन ऑफ ट्रेड (SWIFT), डायरेक्ट पोर्ट डिलिवरी एंड डायरेक्ट पोर्ट इंट्री जैसे कदम उठाए हैं। साथ ही रिस्क मैनेजमेंट सिस्टम (RMS) का इस्तेमाल बढ़ाया गया है।
भारत की सातवीं व्यापार नीति समीक्षा (TPR) से जुड़ी रिपोर्ट में इन बिंदुओं को शामिल किया गया था। इस समीक्षा की शुरुआत छह जनवरी को विश्व व्यापार संगठन में हुई। डब्ल्यूटीओ के मॉनिटरिंग से जुड़े कामकाज में टीपीआर का बहुत अधिक महत्व होता है। टीपीआर के तहत सदस्य देशों की व्यापार नीतियों की समग्र समीक्षा की जाती है।
WTO ने कहा है, ”आलोच्य अवधि के दौरान भारत ने जरूरी दस्तावेजों की संख्या घटाने के साथ-साथ आयात एवं निर्यात के लिए कस्टम क्लियरेंस सिस्टम के ऑटोमेशन जैसे व्यापार को बढ़ावा देने वाले कई कदम उठाए हैं।
संगठन ने कहा है कि पिछली समीक्षा के बाद से अब तक भारत की व्यापार लगभग नीति में कोई बड़ा बदलाव देखने को नहीं मिला है।
WTO ने कहा है कि भारत ने टैरिफ, निर्यात शुल्क, न्यूनतम आयात शुल्क, आयात एवं निर्यात प्रतिबंध और लाइसेंसिंग जैसे पॉलिसी इंस्ट्रुमेंट्स पर भरोसा कायम रखा है।