रिपोर्ट: सत्यम दुबे
चमोली: देव भूमि उत्तराखंड में रविवार को नंदादेवी ग्लेशियर के टूटने की वजह से धौलीगंगा नदी में बाढ़ आ गई। आपको बता दें इस आपदा में 200 से अधिक लोग लापता हो गये हैं। जबकि इस भारी त्रासदी में 16 लोगो ने अपनी जान गंवा दी है। उत्तराखंड में रविवार सुबह ग्लेशियर टूटने से चमोली जिले में बड़ा हादसा हो गया। हादसे की सूचना मिलते ही ITBP और NDRF की टीमें मौके पर पहुंच गई।
आपको बतादें कि तपोवन इलाके की एक टनल में फंसे 16 लोगों को आईटीबीपी के जवानों ने जिंदा बचा लिया है। मौत से जंग जीतकर जैसे ही लोग टनल से बाहर निकले उनके आंखों से आंसू छलक आए। मौत को बिल्कुल करीब से देखकर वो लोग बाहर आये थे, लोगो ने “जय हो बद्री विशाल” के नारे लगाए।
बाबा बद्री विशाल को वो भले ही याद कर रहे थे, लेकिन उनके चेहरे पर आठ घंटे का खौफनाक मंजर भी साफ नजर आ रहा था। आइए जानते हैं कैसे जवानों ने इन लोगों को मौत के मुंह से बाहर निकाला…
टनल से जिंदा बचने की खुशी लोगों के चहरों पर झलक रही थी, वह यही कह रह थे कि आज अगर सेना के जवान भगवान के दूत बनकर नहीं पहुंचते तो हमारी मौत पक्की थी। भारत माता और सेना के जयकारे लोग लगाते रहे।
आपको बता दें कि ITBP के एक अधिकारी ने बताया कि “200 कर्मियों वाली दो टीमें जोशीमठ से बाढ़ प्रभावित इलाकों में भेजी गई हैं।“ राज्य के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत घटनास्थल जा जायजा लेने पहुंचे। वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत गृहमंत्री अमित शाह भी मामले की अपडेट ले रहे हैं।
हादसे की गंभीरता को देखते हुए पहाड़ी इलाके के पौड़ी, टिहरी, रुद्रप्रयाग, हरिद्वार और देहरादून में भी हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। चमोली के जिला प्रशासन की ओर से अलकनन्दा नदी के किनारे रह रहे लोगों को बहार जाने के लिए कह दिया गया है। तवोवन टनल और आसपास के इलाकों में कई लोग अभी दबे हुए हैं। जिनको निकलने का काम जारी है।