नई दिल्ली : पौराणिक इतिहास में अभी तक आपने सिर्फ यहीं पढ़ा था कि शाहजहां ने मुमताज के लिए ताज महल बनवाया था, जिससे उनका प्यार अमर हो सकें। इसके बाद ऐसे कोई उदाहरण का जिक्र नहीं है। लेकिन भारतीय इतिहास में ऐसे कई उदाहऱण है, जिसमें सिर्फ बेटे ही नहीं अपने माता-पिता की इच्छा को पूरी करते है। बल्कि अपनी पत्नी की भी आखिरी ख्वाहिश को पूरी करते है, जिससे उनकी आत्मा को सुकून मिल सकें।
एक ऐसा ही मामला मध्य प्रदेश के उज्जैन से सामने आया है। जहां एक इंजीनियर ने भगवान महाकाल के चरणों में पत्नी के 17 लाख रुपये के जेवरात अर्पण कर दिए। यह सब कुछ इंजीनियर ने अपनी पत्नी की अंतिम इच्छा को पूरा करने के लिए किया।
महाकालेश्वर मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवल ने बताया कि झारखंड के बोकारो में रहने वाले इंजीनियर संजीव कुमार ने अपनी माता सूरज प्यारी के साथ महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर पत्नी स्वर्गीय रश्मि प्रभा के 17 लाख रुपए कीमत के जेवर मंदिर समिति को सौंपे हैं। इस दौरान संजीव कुमार ने मंदिर समिति के अधिकारियों को बताया कि उनकी पत्नी भगवान महाकाल की भक्त थी। वे हर साल राजाधिराज भगवान महाकाल का आशीर्वाद लेने के लिए उज्जैन आती थी। रश्मि प्रभा विगत माह से बीमार चल रही थी। इस दौरान उनका निधन हो गया।
रश्मि ने अपने पति से अंतिम इच्छा जाहिर करते हुए भगवान महाकाल के चरणों में अपने जेवर भेंट करने की बात कही थी। संजीव कुमार ने पत्नी की अंतिम इच्छा पूरी करते हुए 310 ग्राम सोने के जेवर भगवान महाकाल को अर्पित किए हैं। इसमें हार सोने का 1 नग, हार छोटा 1 नग, 1 नग माला, चूड़ी 2 नग, 2 नग कंगन, 4 नग (जोड़) कान के टाप्स, 1 नग कुंडल, 1 नग अंगूठी शामिल है। इस दौरान एएसपी अम्रेन्द्र सिंह, सहायक प्रशासक सुश्री पूर्णिमा सिंगी, मूलचंद जूनवाल, सहायक प्रशासनिक अधिकारी आरपी गहलोत आदि उपस्थित थे।
पहले जेवर दिए फिर किया प्रसाद ग्रहण
महाकाल मंदिर समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि इंजीनियर अपनी माता के साथ मंदिर समिति के कार्यालय पहुंचे थे। जहां उन्हें प्रसाद भेंट की गई। इस दौरान उन्होंने कहा कि वे जेवर अर्पित करने के बाद ही अन्न, जल या प्रसाद ग्रहण करेंगे।
संजीव कुमार ने अधिकारियों को बताया कि उनकी पत्नी स्वर्गीय रश्मि प्रभा को भगवान महाकाल से काफी लगाव था। राजाधिराज महाकाल को अपने प्रिय जेवर अर्पित करने की बात उन्होंने कई बार बोली थी। इस इच्छा को उन्होंने पूरा किया है।