रिपोर्ट: सत्यम दुबे
नई दिल्ली: बसंत पंचमी, हिंदुओं का एक विशेष पर्व है। इस दिन ज्ञान की देवी वीणा पाणी मां सरस्वती के पूजा का विधान है। मान्यता है कि इस दिन मां सरस्वती का जन्म हुआ था। बसंत पंचमीं के दिन मां सरस्वती के अनन्य भक्त मां की पूजा अर्चना करते हैं। आपको बता दें कि इस दिन गंगा नहाने का भी विशेष महत्व है। कहा जाता है इस दिन गंगा स्नान करके मां सरस्वती की पूजा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
बसंत पंचमीं के दिन ऐसा मुहूर्त होता है, कि इस दिन आप कोई भी शुभ कार्य कर सकते हैं। बसंत पंचमीं के दिन शुभ विवाह,सगाई और घर निर्माण जैसे शुभ काम बिना मुहूर्त कर सकते हैं। कहा जाता है कि बच्चे बढ़ाई में मन नहीं लगा रहे है, या फिर उनके पढ़ाई में कोई बाधा आ रही है तो बसंत पंचमीं के दिन मां सरस्वती की पूजा करके इस बाधा को दूर किया जा सकता है।
इस साल बसंत पंचमीं मंगलवार के दिन है। ऐसे में आपको दोहरा फायदा होगा। एक तो बसंत पंचमीं के दिन मां सरस्वती की पूजा तो दूसरा मंगलवार को सभी बाधा दूर कर सकते हैं। इस दिन भक्तों को कुछ विशेष बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइये जानते हैं वो बातें…
बसंत पंचमी के दिन भक्तों को पीला या सफेद वस्त्र पहनना चाहिए। इस दिन काला या लाल वस्त्र न पहनें। मां सरस्वती की पूजा पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके करनी चाहिए। सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात यह है कि इस दिन आपको मां की पूजा सूर्योदय के बाद ढाई घंटे या सूर्यास्त के बाद के ढाई घंटे में करनी चाहिए। इस दिन पूजा के दौरान मां सरस्वती को पीला या सफेद फूल जरूर चढ़ायें। प्रसाद में आप मिसरी, दही व लावा आदि का प्रयोग करें।
आपको बता दें कि इस साल के बसंत पंचमी के पर दो खास संयोग बन रहे हैं। इस दिन रवि योग और अमृत सिद्धि योग का संयोग बन रहा है। बसंत पंचमी के पूरे दिन रवि योग रहेगा। जिसके कारण इस दिन का महत्व और बढ़ रहा है।
16 फरवरी को सुबह 03 बजकर 36 मिनट पर पंचमी तिथि लगेगी, जो कि अगले दिन 17 फरवरी को सुबह 5 बजकर 46 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में पंचमी तिथि 16 फरवरी को पूरे दिन रहेगी। इस दिन 11.30 से 12.30 के बीच अच्छा मुहूर्त है।