रामायण एक ऐसा ग्रंथ है जिसका हर पात्र ऐतिहासिक है और उससे कुछ ना कुछ सीखने को मिलता है ,अब वो चाहे लक्ष्मण हो राम हो या हनुमान हो लेकिन रावण भी एक ऐसा पात्र है जिसके ऊपर आज भी लोग चर्चा करते है।
दरअसल रावण रामायण का खलनायक है और उसकी गलतियां आपको सीखाती है की आपको क्या क्या नहीं करना चाहिए ! अगर देखा जाए तो राम यहां पर सीखा रहे है की क्या करना है और रावण सीखा रहा है की क्या नहीं करना है !
राम और रावण के युद्ध में रावण ने बहुत छल और माया का सहारा लिया लेकिन आख़िरकार राम जी ने उसे परास्त किया लेकिन रावण असुर होने के साथ एक महान युद्ध कला में पारंगत व्यक्ति भी था।
रावण की गिनती संसार के महान योद्धाओं में की जाती थी और वो पंडित भी था। उसे राजनीति और कुटनीति का गहरा ज्ञान था और उसी के बल पर उसने संसार के सभी राज्यों को लगभग जीत लिया था ऐसा शास्त्र कथन है।
अपने ज्ञान और अहंकार के बल पर वो इतना चूर हो गया था की उसने राम से दुश्मनी कर ली और एक स्त्री यानी राम की पत्नी सीता को छल से हर लिया। जब रावण अपनी अंतिम सांसे ले रहा था तो भगवान राम जी ने लक्ष्मण को उसके पास भेजा ताकि वो रावण से ज्ञान ले सके।
जब राम ने लक्ष्मण जी को रावण के पास भेजा तो वो उसके सिर के पास जाकर खड़े हो गए लेकिन रावण चुप ही रहा। उसके बाद राम जी ने उन्हें बताया की उन्हें उनके सिर पर नहीं बल्कि चरणों के पास खड़े होना चाहिए।
इसके बाद ही रावण ने उन्हें ज्ञान दिया। रावण ने लक्ष्मण को सिखाया की कभी भी किसी और की स्त्री पर निगाह नहीं डालनी चाहिए ! ऐसा करने से उसका सर्वस्व भी खत्म हो सकता है।
रावण ने उन्हें एक बात और सिखाई थी और वो ये की कभी भी क्रोध में आकर कोई निर्णय नहीं लेना चाहिए ! अपने और पराये में भेद को समझकर आगे बढ़ना चाहिए।
कई बार हमे जो अपना लगता है वो पराया होता है और जिसे हम पराया समझते है वो अपनों जैसा व्यवहार करता है।