रिपोर्ट: सत्यम दुबे
देहरादून: उत्तराखंड पुलिस ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए ‘गौरा शक्ति’ नाम से मोबाइल ऐप बनाया है। इस मोबाइल ऐप के माध्यम से महिलाएं किसी भी स्थिति में पुलिस को शिकायत कर सकती हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरुवार को इस ऐप का शुभारंभ किया। गौरा ऐप के साथ-साथ पब्लिक आई नाम से भी एक एप का शुभारंभ किया गया। इस ऐप के माध्यम से कोई भी व्यक्ति पुलिस को अपराध के बारे में फोटो और वीडियो सहित शिकायत कर सकता है।
इस दौरान अपर मुख्य सचिव गृह आनंद वर्द्धन, सचिव कार्मिक अरविंद सिंह ह्यांकी, एडीजी पीवीके प्रसाद, एडीजी अभिनव कुमार, आईजी अमित सिन्हा, आईजी वी मुरुगेशन, आईजी संजय गुंज्याल, आईजी एपी अंशुमान, आईजी एसडीआरएफ पुष्पक ज्योति आदि अधिकारी मौजूद रहे।
आपको बता दें कि गौरा शक्ति ऐप के माध्यम से ऑनलाइन शिकायत की जा सकती है। इसके साथ ही डायल 112 पर सीधे कॉल की जा सकती है। इस ऐप के माध्यम से शिकायसतकर्ता अपनी शिकायत का स्टेटस भी जान सकता है। सोशल मीडिया पर अधिकारियों से संपर्क किया जा सकता है। जिलेवार सभी अधिकारियों के व्हाट्एसप नंबर और अन्य सोशल मीडिया एड्रेस इस एप के सोशल मीडिया कॉलम में दिए हुए हैं।
इसके साथ ही इस ऐप के माध्यम से जिलेवार सभी अधिकारियों के संपर्क नंबर भी एक क्लिक पर कांटेक्ट सेक्शन में देखे जा सकते हैं। इतना ही नहीं जहां पर खड़े हैं लोकेशन ऑन कर अपने नजदीकी पुलिस स्टेशनों के नाम जाने जा सकते हैं।
महिलाएं अपने कानूनी अधिकारों के बारे में जानकारी हासिल कर सकती हैं। इसमें महिलाओं से संबंधित आईपीसी की धाराएं, पोक्सो अधिनियम, अनैतिक व्यापार निवारण अधिनियम, दहेज प्रतिषेध अधिनियम, साइबर अपराध, मुस्लिम महिला विवाह अधिकार अधिनियम और कार्यस्थलों पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न निवारण अधिनियम की जानकारी विस्तार से दी गई है।
वहीं पब्लिक आई ऐप के माध्यम से ऑनलाइन शिकायत की जा सकती है। एप से ही डायरेक्ट 112 को फोन किया जा सकता है। सीधे व्हाट्एसप पर भी पुलिस से शिकायत की जा सकती है। यातायात उल्लंघन के बारे में भी इस एप से पुलिस को बताया जा सकता है।सीएम धामी द्वारा विवेचना अधिकारियों को स्मार्ट एविडेंस कलेक्टिंग टूलकिट टैबलेट वितरित की गई। इसके लिए प्रदेश में 1100 विवेचना अधिकारियों को ट्रेनिंग दी गई है। इस टैबलेट के आने के बाद विवेचना अधिकारी को कागजों पर कुछ लिखने की जरूरत नहीं होगी। सब कुछ टैबलेट पर ही दर्ज किया जा सकता है। विवेचना पूरी होने के बाद इस टैबलेट के डाटा को ही न्यायालय में प्रस्तुत किया जाएगा। यह स्मार्ट पुलिसिंग की तर्ज पर काम किया गया है।
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सीएम धामी ने समीक्षा बैठक में मोबाइल एप के मामले में पुलिस को नसीहत भी दी। उन्होंने कहा कि ज्यादा मोबाइल एप से जनता गुमराह भी हो सकती है। ऐसे में जनता को गुमराह करने का काम न हो। एप एक हो और आसान हो। इसे कोई भी इस्तेमाल कर सके।