बिहार में अब नई सरकार बनने की तैयारी शुरू हो गई है। मिली जानकारी के अनुसार नीतीश कुमार दिवाली के बाद 16 नवंबर को भाई दूज के दिन मुख्यमंत्री पद की एक बार फिर शपथ ले सकते हैं, इससे पहले तैयारियां जारी हैं और बैठकों का दौर शुरू हो गया है।
बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार पटना में पार्टी के दफ्तर पहुंचे हैं। यहां वो नवनिर्वाचित विधायकों से मुलाकात कर रहे हैं। जीत के बाद यह पहला मौका है जब नीतीश विधायकों से मिलने पहुंचे हैं।
मिली जानकारी के अनुसार इस बैठक में जेडीयू के सभी 115 उम्मीदवारों को भी बुलाया गया है जो बिहार में चुनाव लड़ रहे थे। खबरों मुताबिक इस मीटिंग में नई सरकार को लेकर चर्चा हो सकती है। बता दें कि जेडीयू की सहयोगी बीजेपी ने साफ कर दिया है कि राज्य में नीतीश कुमार की अगुवाई में ही सरकार बनेगी।
बिहार में चार सीटों पर जीत का परचम लहराने वाले हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा पार्टी के अध्यक्ष जीतन राम मांझी आज पटना में नीतीश कुमार से मिले। इस दौरान उनके साथ बिहार चुनाव में फतह हासिल कर चुके चार विधायक भी दिखाई दिए।
पहली बार नीतीश कुमार 3 मार्च 2000 को बिहार के मुख्यमंत्री बने थे। लेकिन वह आठ दिनों तक मुख्यमंत्री रह पाए थे, समता पार्टी की सरकार बनी थी। दूसरी बार 24 नवंबर 2005 को बिहार के मुख्यमंत्री बने।
तीसरी बार 26 नवंबर 2010 को बिहार के मुख्यमंत्री बने।(इसके बाद लोकसभा चुनाव हुआ, इसमें जेडीयू की करारी हार हुई। इसके बाद नीतीश कुमार ने इस्तीफा दे दिया। तब जीतन राम मांझी पहली बार बिहार के मुख्यमंत्री बने) चौथी बार 22 फरवरी 2015 को बिहार के मुख्यमंत्री बने। 20 नवंबर 2015 को पांचवी बार बिहार के मुख्यमंत्री बने। छठी बार 27 जुलाई 2017 को बिहार के मुख्यमंत्री बने।