नई दिल्ली : नवरात्रि हिंदुओं का प्रमुख त्योहार है, जो हर साल सितंबर या अक्टूबर के महीने में मनाया जाता है। अगर हम हिंदी महीने की बात करें तो यह पर्व अश्विन मास के शुक्ल पक्ष में शुरु होता है, जो इस साल 7 अक्टूबर को है। आपको बता दें कि इस साल नवरात्रि 8 दिनों का है, जो 14 अक्टूबर तक चलेगा। वहीं दशहरा 15 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
शास्त्रों में मां दुर्गा के नौ रूपों का बखान किया गया है। नवरात्र के दिनों में मां दुर्गा के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा करने से विशेष पुण्य मिलता है। ऐसी मान्यता है कि मां दुर्गा अपने भक्तों के हर कष्ट हर लेती हैं।
शुभ मुहूर्त
नवरात्रि के प्रथम दिन कलश स्थापना के साथ नौ दिन के लिए देवी मां का पूजन शुरू किया जाता है। कलश स्थापना के कुछ विशेष नियम हैं, जिनका पालन करना जरूरी है। कलश स्थापना के लिए शुभ मुहूर्त का विशेष रूप से ध्यान रखें। 7 अक्टूबर को कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त सुबह 6 बजकर 17 मिनट से सुबह 7 बजकर 7 मिनट तक का है। इसी समय कलश स्थापना करने से नवरात्रि फलदायी होते हैं।
कलश स्थापना की विधि
कलश स्थापना के दौरान कुछ विशेष नियमों को ध्यान में रखना अनिवार्य है। ज्योतिषाचार्य डॉ. अमित रंजन के मुताबिक, देवी मां की चौकी सजाने के लिए हमेशा उत्तर-पूर्व दिशा का स्थान चुनें। इस स्थान को स्वच्छ कर लें और गंगाजल से शुद्ध करें। एक लकड़ी की चौकी रखकर उस पर लाल रंग का साफ कपड़ा बिछाकर देवी मां की मूर्ति की स्थापना करें। इसके बाद प्रथम पूज्य गणेश जी का ध्यान करें और कलश स्थापना करें। कलश स्थापना के लिए नारियल में चुनरी लपेट दें और कलश के मुख पर मौली बांधे। कलश में जल भरकर उसमें एक लौंग का जोड़ा, सुपारी हल्दी की गांठ, दूर्वा और रुपए का सिक्का डालें। अब कलश में आम के पत्ते लगाकर उस पर नारियल रखें और फिर इस कलश को दुर्गा की प्रतिमा की दायीं ओर स्थापित करें।
शारदीय नवरात्रि की तिथियां
आपको बता दें कि नवरात्रि की शुरुआत 7 अक्टूबर 2021 दिन गुरुवार को मां शैलपुत्री की पूजा से शुरू होगी। 8 अक्टूबर को मां ब्रह्मचारिणी, 9 अक्टूबर दिन शनिवार को मां चंद्रघंटा पूजा व मां कुष्मांडा की पूजा होगी। 10 अक्टूबर को चौथे दिन मां स्कंदमाता, 11 अक्टूबर दिन सोमवार को पांचवे दिन मां कात्यायनी की पूजा होगी। 12 अक्टूबर, मंगलवार को छठे दिन मां कालरात्रि, 13 अक्टूबर दिन बुधवार को सातवें दिन मां महागौरी व 14 अक्टूबर दिन गुरुवार को मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाएगी। वहीं 15 अक्टूबर दिन शुक्रवार को दशमी के दिन नवरात्रि व्रत का पारण किया जाएगा और दशहरा का पर्व भी मनाया जाएगा।