नई दिल्ली: नवरात्रि के तीसरे दिन मां दुर्गे के तीसरे स्वरूप मां चंद्रघंटा(Maa Chandraghanta) की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माता चंद्रघंटा (Maa Chandraghanta) को राक्षसों की वध करने वाली देवी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है मां ने अपने भक्तों के दुखों को दूर करने के लिए हाथों में त्रिशूल, तलवार और गदा रखा हुआ है। माता चंद्रघंटा के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र बना हुआ है, जिस वजह से भक्त मां को चंद्रघंटा कहते हैं। मां चंद्रघंटा को दूध या दूध से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है।
ऐसे तैयार करें प्रसाद((Maa Chandraghanta Bhog Recipe):
मां चंद्रघंटा को दूध या दूध से बनी चीजों का भोग लगाया जाता है। आप माता को भोग में दूध से बनी बादाम की खीर का भोग लगा सकते हैं। बादाम की खीर बहुत ही स्वादिष्ट रेसिपी है। जिसे व्रत में भी खाया जा सकता है। बादाम की खीर को बनाना बहुत आसान है। बादाम की खीर में में ढेर सारे बादाम के साथ इलाइची और केसर का भी इस्तेमाल किया जाता है।
मां चंद्रघंटा की पूजन विधिः (Maa Chandraghanta Pujan Vidhi)
नवरात्रि के तीसरे दिन मां के तीसरे स्वरूप माता चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर साफ कपड़े धारण करें। इसके बाद मंदिर को अच्छे से साफ करें। फिर विधि-विधान से मां दुर्गा के तीसरे स्वरूप माता चंद्रघंटा की अराधना करें। ऐसा माना जाता है कि मां की अराधना उं देवी चंद्रघंटायै नम: का जप करके की जाती है। माता चंद्रघंटा को सिंदूर, अक्षत, गंध, धूप, पुष्प अर्पित करें। दूध से बनी हुई मिठाई का भोग लगाएं।
मां चंद्रघंटा मंत्रः (Maa Chandraghanta Mantra)
पिण्डजप्रवरारूढ़ा चण्डकोपास्त्रकेर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।।